जोशीमठ ,10 जनवरी । उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ शहर में भू-धंसाव के चलते स्थिति गंभीर होती जा रही है। शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक कुल 678 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं। सीबीआरआई की टीम ने सोमवार को मलारी इन और माउंट व्यू होटल का सर्वे किया था। आज, मंगलवार को इन दोनों होटलों से भवनों को ढहाने की शुरुआत होगी। इन होटलों को अत्यधिक क्षति पहुंची है। बताया जा रहा है कि दरार पड़ने के चलते होटल लगातार पीछे की ओर झुकते जा रहे हैं। प्रशासन की ओर से अनाउंसमेंट किया जा रहा है कि लोग होटलों से दूर हो जाएं।
वहीं जोशीमठ में घरों को खाली कराने और धवस्त करने को लेकर लोगों में आक्रोश है। लक्ष्मी प्रसाद सती का कहना है कि प्रशासन जबरदस्ती उनके घरों को खाली करा रहा है। होटल मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा का कहना है कि प्रशासन ने उन्हें होटल तोड़ने की कोई सूचना नहीं दी और न ही कोई नोटिस दिया गया। सालों पहले करोड़ों रुपये की लागत से होटल बना था। यह हमारी आजीविका का साधन है। सरकार अगर होटल गिराना चाहती है तो मुआवजा भी दे। वहीं, होटल माउंट व्यू के मालिक सुंदरलाल सेमवाल का कहना है कि हमें हमारे होटल तोड़ने की कोई सूचना नहीं मिली है। सरकार को हमारे लिए मुआवजे की व्यवस्था करनी चाहिए।
जोशीमठ शहर और आसपास के गांवों में भू-धंसाव की वजह से बिजली आपूर्ति भी खतरे में आ गई है। एक ओर जहां यूपीसीएल के खंभे और लाइनें कभी भी धराशायी हो सकती हैं, वहीं पिटकुल का 66 केवी सब स्टेशन भी शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो गई है। वहीं, आज बिजली के खंभों से तारों को भी हटाया जा रहा है।
जोशीमठ में जिन होटलों और मकानों में अधिक दरारें हैं, उन्हें गिराने का काम आज से शुरू किया जाएगा। प्रशासन द्वारा असुरक्षित जोन घोषित क्षेत्रों को खाली करा लिया गया है। SDRF कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने कहा कि होटल मलारी इन को गिराया जाएगा। इसे चरणबद्ध तरीके से गिराया जाएगा। ये होटल टेड़े हो गए हैं। इसे तोड़ना जरूरी है क्योंकि इसके नीचे भी कई घर और होटल हैं और अगर ये ज्यादा धंसेगा तो कभी भी गिर सकता है। CBRI के एक्सपर्ट आ रहे हैं वे अधिक तकनीकी जानकारी देंगे।
सबसे पहले होटल मलारी इन और मांउट व्यू को तोड़ा जाएगा। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों की टीम के निर्देशन और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की मौजूदगी में होटल को तोड़ने की कार्रवाई होगी। पहले होटल मलारी इन तोड़ा जाएगा। भवनों को गिराने के लिए विस्फोटकों की मदद नहीं ली जाएगी। सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की देखरेख में लोनिवि की टीम मेकेनिकल तकनीक से भवनों को गिराएगी। इसके लिए मजदूरों की मदद ली जाएगी। इसके लिए 60 मजदूरों के साथ ही दो जेसीबी, एक बड़ी क्रेन और दो टिप्पर ट्रक लगाए गए हैं।
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