नई दिल्ली,07 जनवरी । यूके रॉयल नेवी का ऑफशोर पेट्रोल वेसल एचएमएस तामार अंडमान और नोकोबार द्वीप समूह पहुंचा है। इस युद्धपोत को हिंद प्रशांत क्षेत्र में निगरानी के लिए तैनात किया गया है। ब्रिटेन से रवाना होने के बाद युद्धपोत पहली बार भारत के पोर्ट पर रुका है।
अगले पांच दिन तक एचएमएस तामार और इसके क्रू मेंबर भारतीय नौसेना के साथ अभ्यास करेंगे। यह युद्धपोत हिंद प्रशांत क्षेत्र में ब्रिटेन द्वारा तैनात किए गए दो पोत में से एक है। एडमिरल सर बेन की ने कहा कि मुझे खुशी है कि एचएमएस तामार इस सप्ताह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का दौरा कर रही है। भारतीय नौसेना के साथ प्रशिक्षण और अभ्यास करने का अवसर बेहद महत्वपूर्ण है।
HMS तामार ड्रग-तस्करों और कई तरह की चीजों की तस्करी को रोकने से लेकर ब्रिटेन के क्षेत्रीय जल की रक्षा करने और आपदा के मद्देनजर मानवीय सहायता प्रदान करने तक कई तरह की भूमिकाएं निभाता है। इस जहाज ने रॉयल मरीन कमांडो के साथ बोर्ड और सर्च ऑपरेशन पर काम करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण भी लिया है। इसका रेंज 5,500 से भी ज्यादा माइलेज का है।
‘एचएमएस तामार’ इंडो-पैसिफिक में स्थायी तैनात पर दो रॉयल नेवी जहाजों में से एक है। इस जहाज के मिल जाने से समुद्री डोमेन जागरूकता प्रयास को और मजबूत करने का एक बेहतरीन मौका मिला है। इस मौके पर फर्स्ट सी लॉर्ड, एडमिरल सर बेन की ने हिंद महासागर में अपनी पहली बार नौकायन के दौरान कहा, “मुझे खुशी है कि ‘एचएमएस तामार’ इस सप्ताह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का दौरा कर रही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि यहां के लोगों से जुड़ना और भारतीय नौसेना के साथ ट्रेनिंग करने का अवसर मिला है जो कि बेहद मूल्यवान है।
आपको बता दें, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन लगातार भड़काने वाली हकरतें करता रहता है। जिनसे सैन्य शत्रुता की आशंका बढ़ गई है और चीन के क्षेत्रीय संबंध लगातार खराब हो रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, भारत, दक्षिण कोरिया और जापान सहित हिंद-प्रशांत के ज्यादातर देश चीन की आक्रामक रवैये से नाराज है। चीन छोटे देशों की समुद्री सीमाओं का उल्लंघन करता आया है। वैश्विक स्तर पर चीन को लेकर यह धारणा प्रबल हुई है कि वह अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए सैन्य ताकत से दूसरे देशों की संप्रभुता व सीमाओं का दमन करता है।
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