कोरबा, 5 जनवरी । मार्कफेड की लचर परिवहन व्यवस्था से आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए 57 करोड़ 65 लाख 55 हजार 714 रुपए के धान पर खतरा मंडरा रहा। जी हां 2 लाख 82 हजार क्विंटल के ये वे धान है जो खरीदी के बाद उपार्जन केंद्रों में उठाव के इंतजार में हैं। मार्कफेड के पर्याप्त डीओ काटे जाने के दावों के बीच आसमान में पिछले 48 घण्टों से छाए घने बादल ने समिति प्रबंधकों की नींदें उड़ा दी है । बेमौसम बारिश होने पर रखरखाव के तमाम व्यवस्थाओं के बीच धान को पूर्णतः सुरक्षित रख पाने की कड़ी चुनोती होगी।
समर्थन मूल्य में 1 नवंबर से हो रही धान खरीदी अभियान के अंतर्गत अब तक आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले के 41 समितियों के 60 उपार्जन केंद्रों में लक्ष्य 19 लाख 80 हजार क्विंटल की पूर्ति में कुल 15 लाख 3 हजार 707 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान की कीमत 316 करोड़ 95 लाख 63 हजार 504 रुपए की है। इसमें से मार्कफेड द्वारा 12 लाख 71 हजार 82 क्विंटल(82 फीसदी) धान का उठाव कर लिया गया है। लेकिन धान खरीदी के 72 घण्टों के भीतर केंद्रों से उठाव के मार्कफेड के दावों की इस साल भी हवा निकल गई है।अभी भी केंद्रों में 2 लाख 82 हजार 625 क्विंटल धान जाम पड़े हैं। समर्थन मूल्य पर जाम पड़े धान की कीमत 57 करोड़ 65 लाख 55 हजार 714 रुपए है। इधर मौसम विभाग ने कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया है। विभाग ने संभावना जताई है कि छत्तीसगढ़ में आज दिन भर बादल छाए रहेंगे । जशपुर, कोरिया, सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, पेंड्रारोड और कोरबा जिले में कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि प्रदेश में 2 दिनों तक कोहरा रहेगा।जिसकी वजह से समिति के कर्मचारियों को खराब मौसम में काटे जा चुके टोकन में किसानों से धान खरीदी के साथ ही धान की सुरक्षा में जद्दोजहद करना पड़ रहा। पड़ताल में मोरगा,कोरबी ,कुल्हरिया,सिरमिना,पिपरिया ,जटगा ,बिंझरा ,लैंगा,कुल्हरिया ,पसान उपार्जन केंद्र में कर्मचारी धान के सुरक्षा में जद्दोजहद करते नजर आए।
17 केंद्रों में 6 -6 हजार क्विंटल से अधिक धान जाम
17 उपार्जन केंद्रों में 6-6 हजार क्विंटल से अधिक जाम हैं । पड़ताल में इन केंद्रों में शीघ्र उठाव नहीं होने पर खरीदी व्यवस्था प्रभावित होगी , साथ ही समितियों को शार्टेज का नुकसान झेलना पड़ेगा। हमने इन 17 उपार्जन केंद्रों में मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। जहाँ इन केंद्रों में पांव तक नहीं रख पाने की स्थिति निर्मित होती हुई नजर आई। इन केंद्रों में सिरमिना,श्याम,रामपुर,भैसमा,फरसवानी ,पाली,,नवापारा,जटगा,कोरबी(पोंडी उपरोड़ा),कोरबी (पाली),कुल्हरिया ,उतरदा बोईदा ,पोंडी ,बरपाली (बरपाली),बरपाली (कोरबा) एवं करतला शामिल हैं। डीओ कटने के बाद भी मिलर्स यहाँ पर्याप्त वाहन नहीं भेज रहे।
कोरबी, बोईदा, मोरगा में लुटे जा रहे किसान
वहॉं जिले के पाली एवं पोंडी ब्लाक के कोरबी उपार्जन केंद्र ,मोरगा,बोईदा ,पोंडी उपरोड़ा में किसानों से शार्टेज के डर में अधिक धान लिया जा रहा। कोरकोमा ,उमरेली ,लेमरू ,सपलवा में भी भी इसी तरह की खबरें सामने आई है । जहां जांच की नितांत आवश्यकता है । इससे पूर्व तिलकेजा ,लबेद में ऐसा करते मामला सामने आ चुका है।
वर्जन
नजर बनाए हुए हैं,अवकाश दिवस पर उठाव में आएगी गति
डीओ काटा जा चुका है ,लगातार खरीदी होने की वजह से अवकाश दिवस में ही हमालों के फ्री होने पर उठाव कार्य मे गति आती है। मौसम साफ है ,जो डीओ कट चुकी है उसमें ख़रीदी हो रही है। नजर बनाए हुए हैं।
- जे के सिंह ,खाद्य अधिकारी
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