कलेक्टर ने दो शिक्षकों को PPF, GPO, GPF प्राधिकार एवं प्रशस्ति पत्र सौंपकर दी बधाई

0.आसानी से सेवानिवृत्ति प्रकरण निराकृत होने पर शिक्षकों ने कलेक्टर के प्रति जताया आभार

कोरबा 05 जनवरी । कलेक्टर संजीव झा की विशेष एवं अनुकरणीय पहल से 31 दिसंबर को सेवा निवृत्त हुए दो शिक्षकों को सेवानिवृत्ति लाभ का भुगतान हो गया। सेवानिवृत्ति का लाभ प्राप्त करने के लिए उन्हें बार-बार कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाने पड़े। कलेक्टर श्री झा ने सेवानिवृत्त प्रधानपाठकों श्रीमती डेजी रानी मिंज एवं रामनारायण साहू को पीपीएफ, जीपीओ एवं जीपीएफ प्राधिकार पत्र सौंपा। साथ ही शासकीय सेवाकाल के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रशस्ति पत्र सौंपकर बधाई दी। कलेक्टर ने दोनो शिक्षकों के अच्छे भविष्य एवं खुशहाल जीवन के लिए शुभकामनाएं भी दी। कलेक्टर श्री झा ने परामर्शदात्री समिति की बैठक में सेवानिवृत्ति के प्रकरणों के त्वरित निराकरण के निर्देश दिए थे।

साथ ही सेवानिवृत्ति के समय शासकीय सेवकों को कलेक्टर और विभाग के जिला प्रमुख के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी प्रशस्ति पत्र देने के भी निर्देश दिए थे। इसी तारतम्य में जिला कोषालय एवं जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दोनों शिक्षकों के सेवानिवृत्ति प्रकरण के निराकरण के लिए त्वरित कार्यवाही की गई। जिला प्रशासन की कार्यवाही के फलस्वरूप काफी कम दिनों में सेवानिवृत्ति प्रकरण निराकृत होने पर दोनों शिक्षकों ने कलेक्टर श्री झा एवं जिला प्रशासन के प्रति आभार जताया। कलेक्टर ने सेवानिवृत्ति के प्रकरणों को ऐसे ही कम समय में सरल प्रक्रिया अपनाते हुए निराकृत करने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वित करने के निर्देश मौके पर मौजूद अधिकारियों को दिए। इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारीजीपी भारद्वाज, जिला कोषालय अधिकारी जसपाल सिंह राज एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कटघोरा ईश्वर कश्यप मौजूद रहे।


जिला शिक्षा अधिकारी भारद्वाज ने बताया कि सेवानिवृत्त हुए दोनों शिक्षक प्रधानपाठ के पद पर पदस्थ रहे। श्रीमती डेजीरानी मिंज कटघोरा स्थित प्राथमिक शाला में एवं रामनारायण साहू नवापारा के पूर्व माध्यमिक शाला में सेवाएं प्रदान की। उन्होंने बताया कि कलेक्टर झा के निर्देशानुसार सेवानिवृत्ति के पहले से ही उनके सेवानिवृत्ति प्रकरण के निराकरण की कार्यवाही शुरू हो गई थी। सेवानिवृत्ति के दिन तक उनके भविष्य लाभ के लिए जरूरी कागजी कार्यवाही पूर्ण कर ली गई थी। जिससे दोनों शिक्षकों को समय पर जीपीएफ, पीपीएफ प्रकरणों का लाभ मिल पाया। कम समय में प्राधिकार पत्र प्राप्त होने से दोनों शिक्षकों के भविष्य तथा उनके परिजनों को पेंशन आदि की राशि प्राप्त करने में समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। सेवानिवृत्त शिक्षक पेंशन प्रकरण की चिंता से मुक्त होकर आगे का जीवन गुजार सकेंगे।

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