MP News : अनोखी भक्ति, कड़कड़ाती ठंड में कीलों के बिछौने पर लेटकर भक्त पहुंचा बागेश्वर धाम

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम की महिमा अब सिर्फ देश में ही नहीं विदेश में भी धूम मचा रही है, तो वहीं ऐसे भी भक्त देखने को मिलते हैं जो अपनी श्रद्धा की वशीभूत होकर अलग अलग तरीकों से बालाजी सरकार के दर्शन के लिए बागेश्वर धाम पहुंच रहे हैं, ऐसे ही एक दृश्य को देखकर आप विचलित भी हो सकते हैं, यह भक्त लगभग 800 किमी दूर उत्तर प्रदेश के संभल जिले से बागेश्वर धाम पहुंचा है. इस भक्त की खास बात है कि इसका बिछौना कीलों का है और कीलों के बिछौने पर लेटते हुए, दंड भरते हुए बागेश्वर धाम के स्वागत द्वार से बागेश्वर धाम तक 7 किमी का सफर कीलों पर तय कर बालाजी सरकार के चरणों में अपनी अर्जी देने के लिए पहुंचा.

also read :- मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा


ये भक्त उत्तर प्रदेश के संभल जिले के हीरापुर गांव का रहने वाला सोमपाल सिंह है. जिसका कहना है मेरे मन में श्रद्धा है. दिल में मनोकामना है. वो पूरी हो जाए इसीलिए कीलों पर लेटकर जा रहा हूं, पिछले 6-7 महीनों से बागेश्वर धाम से जुड़ा हुआ है. इसके पहले भी सोमपाल 4 बार धाम आ चुका है.

also read:-कलेक्टर ने किया जरूरतमंदों को कम्बल का वितरण

लकड़ी के पटरे में लगी हैं 750 किलो कीलें
सोमपाल बताते हैं पहले वो शराब जैसे मादक पदार्थों का सेवन करते थे. जो कि अब छूट गई है. काफी आराम मिला है जिसके बाद मन में श्रद्धा जाग्रत हुई कि इस बार ऐसे जाना चाहिए, तो बाला जी का आशीर्वाद मिल जाएगा और सब काम पूर्ण होंगे. लकड़ी के पटरे में लगभग 700-750 किलो कीलें लगी हुई हैं. जिसको हाथ से बनाया गया है. जब सोमपाल बागेश्वर धाम जा रहा था उसी दौरान बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को कीलों पर लेटकर जाता हुआ दिखा तो उन्होंने रुककर ऐसा न करने की सलाह भी दी थी.

also read:-कलेक्टर ने किया जरूरतमंदों को कम्बल का वितरण

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सोमपाल को गले से लगाया
वहीं कड़कड़ाती ठंड में बालाजी सरकार के भक्त को ऐसे जाता देख पीठाधीश्वर पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने गले से लगा लिया. बता दें मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले स्थित गढ़ा गांव के बागेश्वर धाम में सबसे ज्यादा भक्तों का हुजूम मंगलवार और शनिवार को उमड़ता है. बागेश्वर सरकार यानि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री धाम के पीठाधीश्वर हैं, जो दरबार लगाकर भक्तों की अर्जी सुनते हैं साथ ही कथा वाचक भी हैं.