रायपुर I रायपुर से गुजरने वाली लंबी दूरी की आधा दर्जन से ज्यादा ट्रेनें रोज किसी न किसी कारण लेट आ रही हैं। एक से 15 घंटे तक देर से आने के कारण पिछले चार दिनों से लगातार आधा दर्जन ट्रेनों को रि-शिड्यूल यानी यहां से चार-पांच घंटे तक देरी से रवाना किया जा रहा है।सबसे ज्यादा दिक्कत की बात ये है कि रायपुर स्टेशन से जाने वाले यात्रियों को पहले से नहीं बताया जाता कि ट्रेन देर से रवाना की जाएगी। ऐसी दशा में यात्री स्टेशन पहुंच जाते हैं। यहां आने के बाद उन्हें बताया जाता है कि ट्रेन को रि-शिड्यूल किया जा रहा है।
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इससे यात्रियों को बेवजह स्टेशन पर चार-पांच घंटे रहना पड़ जाता है। रायपुर रेलवे स्टेशन से दिल्ली, मुंबई, उत्तर-प्रदेश, विहार, हरियाणा जाने वाली ट्रेनें अपने निर्धारित समय से कई घंटे विलंब से आ रही हैं। इन्हीं ट्रेनों ट्रेनों को रि-शिड्यूल कर करना पड़ रहा है।बुधवार को अचानक मौसम परिवर्तित हो गया और ठंड बढ़ गई। इससे स्टेशन पर पहुंचने वाले यात्री ठिठुरते रहे। इतना ही नहीं स्टेशन पर पहुंचने के बाद भी यात्रियों को ट्रेनों के बारे सही जानकारी नहीं दी जाती है।
इससे यात्री परेशान होकर भटकते हैं ताकि उन्हें पता चल सके कि ट्रेन कब आने वाली है। यात्रियों का कहना है कि ट्रेन के रि-शेड्यूल होने के कारण रात को अचानक जानकारी मिलती है उसके बाद परिवार के साथ स्टेशन आकर वापस घर जाने में कई तरह की दिक्कतें होती हैं, इसलिए घर पर ही रहना पड़ता है।
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रोजाना सफर करने वालों को दिक्कत
ट्रेनों के लेट लतीफी के चलते यात्रियों के साथ ही अधिकारी और कर्मचारियों को रोजाना यात्रा करने में परेशानी हो रही है। दुर्ग भिलाई, भाटापारा और बिलासपुर से रायपुर रोजाना हजारों अधिकारी-कर्मचारी, व्यापारी और स्टूडेंट्स यात्रा करते हैं। लेकिन, ट्रेनों को मालगाड़ी के चलते ट्रेनों को विलंब से चलाया जा रहा है।
ऐसे समझिए कैसे ट्रेन होती है रि-शिड्यूल
रेलवे ट्रेनों को विषम परिस्थिति में रि-शिड्यूल करता है। जैसे यदि छपरा से दुर्ग आने वाली सारनाथ एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से ना आकर घंटों देरी से आती है। ऐसे में शाम को दुर्ग से छपरा जाने वाली सारनाथ एक्सप्रेस को दो से तीन घंटे के लिए रि-शिड्यूल कर दिया जाता है, क्योंकि रैक का मेंटेनेंस करना पड़ता है। बिना मेंटेनेंस ट्रेन को रवाना नहीं किया जा सकता है। इसलिए रेलवे रि-शेड्यूल कर देता है।
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