रायपुर,03 जनवरी । पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि आरक्षण के मामले में कांग्रेस के नियत स्पष्ट हो गई है, कि लोगों को आरक्षण मिले या न मिले उससे प्रदेश की आदिवासी विरोधी कांग्रेस सरकार को कोई लेना देना नहीं है, उन्होनें कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार आंरक्षण के मामले में राजनिति का खेल खेल रही है, पिछला जो विधेयक है जिसे उच्च न्यायलय एवं सर्वोच्च न्ययालय द्वारा निरस्त किया गया था, उसका मुल आधार यहीं था कि न्यायलय कांग्रेस की कुनीति को समझ चुका था।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार यदि क्वांटिफायबल डेटा प्रस्तुत नहीं करेगी तो आने वाले समय में इस विधेयक की भी वही स्थिति बनेगी। उन्होनें कहा कि जब इस कमेटी का गठन कर दिया गया है तो कांग्रेस सरकार गठन करने के बाद में डेटा को प्रस्तुत क्यों नहीं करना चाह रही है, प्रस्तुत नहीं करना चाहते उसका सबसे बड़ा मूल कारण है कि आज जो अनुसुचित जाति के 16 प्रतिशत की बात हो रही है, मुख्यमंत्री बयान देते हैं जब अनुसुचित जाति के आरक्षण जब 16 प्रतिशत होगा तब विचार करेंगें, आखिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किस आधार पर इस तरह की बयान दे रहें है, क्वांटिफायबल डेटा जब उनके पास है ही नहीं और प्रस्तुत करना नहीं चाह रहे तो स्पष्ट है कि कांग्रेस सरकार के मुखिया आरक्षण के मामले में राजनिति करना चाह रहें है,
आदिवासियों को आरक्षण मिले या न मिले इससे कांग्रेस का कोई सरोकार नहीं है, और छत्तीसगढ़ की जनता इस बात को समझ चुकी है, उन्होनें कहा कि कांग्रेस को क्वांटीफायबल डेटा प्रस्तुत करनी चाहिए और यदि न्यायलय जाए तो जावब देने के स्थिति में रहना चाहिए और यदि नहीं तो आनन फानन में लेकर आये तभी निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ की आदिवासी जनता को उनके आरक्षण को लेकर उन्हें राहत मिलेगी। उन्होनें कहा कि महामहिम के द्वारा जो क्वांटीफायबल डेटा की जो मांग की गई है उसे मानकर कांग्रेस सरकार डेटा जनता के सामने प्रस्तुत करें तभी छत्तीसगढ़ की जनता को विश्वास होगा की उन्हें स्थाई रूप से आरक्षण मिलेगा।
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