काेल इंडिया में कार्यरत चार श्रमिक संगठनों के जेबीसीसीआई सदस्यों की सीआईएल प्रबंधन के साथ बैठक आज

कोरबा,03जनवरी(वेदांत समाचार)।एसईसीएल समेत काेल इंडिया Coal India Limited के अन्य अनुषंगी कंपनियों में कार्यरत चार श्रमिक संगठनों के जेबीसीसीआई JBCCI सदस्यों की सीआईएल प्रबंधन के साथ 3 जनवरी को बैठक है, जिसमें कोयला कर्मचारियों के लंबित 11 वें वेतन समझौते पर चर्चा होगी। बैठक में वेतन समझौते को लेकर सकार त्मक नतीजे नहीं आने पर कोल इंडिया में हड़ताल तय मानी जा रही है। हर पांच साल में कोयला कर्मियों के नए वेतनमान का निर्धारण किया जाता है। जेबीसी ीआई-11 के गठन को डेढ़ साल का समय होने को है। लेकिन अब तक वेतन समझौते पर कोई निष्कर्ष नहीं िनकल पाया है। जबकि 10 वें वेतन समझौते की अवधि 30 जून 2021 को समाप्त हो चुकी है। एमजीबी तय होने के बाद कोल कर्मियों को मिलने वाली अन्य सुविधाओं में बढ़ोत्तरी को लेकर तैयार चार्टर ऑफ डिमांड पर भी चर्चा होगी।

जेबीसीसीआई JBCCI में शामिल यूनियन के शीर्ष नेताओं की कोशिश रहेगी कि पहले दिन ही एमजीबी पर सहमति बना ली जाए। इसे अगले दिन के लिए नहीं टाला जाए। हालांकि प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि वेतन समझौते के लिए जरूरत पड़ी तो इस पर सहमति बनाने अगले दिन भी बैठक लेंगे। पिछली बैठक में 28 फीसदी एमजीबी का प्रस्ताव यूनियन ने रखा तो प्रबंधन की ओर से साढ़े 10 फीसदी एमजीबी ही दे पाने का प्रस्ताव रखा था। डीपीई की गाइडलाइन का हवाला देने पर यूनियन नेताओं ने पहले की तरह इसे तोड़कर कोल कर्मियों के हित में फैसले लेने की बात कह चुके हैं। ऐसे में नए वेतनमान पर अंतिम फैसला आने की उम्मीद अब जागी है। अफसर भी इस मुद्दे को अब सुलझाना चाहते हैं। बहरहाल सभी कर्मचारियों की नजर अब बातचीत पर होगी । अगर समझौता नहीं हो पाया तो कर्मचारियों ने हड़ताल करने का मन बनाया है।

हड़ताल की सुगबुगाहट

कोल इंडिया Coal India Limited की एसईसीएल समेत सभी अनुषंगी कंपनियों के लिए वित्तीय साल के तय लक्ष्य को पाने आखिरी तिमाही महत्वपूर्ण रहता है। ऐसे में अगर आखिरी तिमाही के बचे महीने में हड़ताल से उत्पादन पर पड़ना तय है। ऐसे में अपेक्स कमेटी की बैठक में वेतन समझौते को लेकर की तिथि तय कर दी। वेतन समझौते को लेकर सहमति नहीं बनने पर 7 जनवरी को चार ट्रेड यूनियनों के रांची में होने वाली कन्वेंशन में हड़ताल की तारीख तय हो सकती है। हालांकि इस कन्वेंशन व एटक, बीएमएस, एचएमएस और सीटू के संयुक्त रूप से किए जाने वाले किसी भी हड़ताल से इंटक ने अपने आपको अलग कर लिया है।

एमजीबी के अलावा कर्मियों के हित में अन्य एजेंडे भी

एटक नेता दीपेश मिश्रा ने बताया कि कोल कर्मियों के वेतन समझौते को लेकर एमजीबी तय होने के बाद ही अन्य एजेंडे पर भी चर्चा हो पाएगी। जो कोयला कर्मचारियों के अलावा ठेका कर्मियों और कोल पेंशनरों के हित को लेकर होती है।