कोरबा डीएमएफ के कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे चर्चित संयुक्त कलेक्टर भरोसाराम दो माह बाद मुंगेली के लिए हुए भारमुक्त, केंद्रीय गृहमंत्री के कोरबा आगमन से पूर्व हुई छुट्टी ,रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने की थी शिकायत ,देखें आदेश

कोरबा । अपने कार्यशैली को लेकर बेहद चर्चित एवं जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा के फंड से स्वीकृत कार्यों के एवज में कमीशनखोरी के आरोपों से घिरे रहे डिप्टी कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर का केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ,मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आगमन से पूर्व स्थानातंरण के दो माह बाद ही सही कलेक्टर कोरबा ने कार्यस्थल मुंगेली के लिए मुंगेली भारमुक्त कर दिया। सोमवार को इस आशय के आदेश जारी कर दिए गए। सुबह से देर शाम तक डीएमएफ दफ्तर में फर्मों की भींड़ लगी रही।

गौरतलब हो कि 4 अक्टूबर को प्रदेश के सबसे वरिष्ठ आदिवासी भाजपा नेता एवं रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने केंद्र एवं राज्य शासन को पत्र लिखने के बाद कोरबा कलेक्टर संजीव झा को भी पत्र लिखकर डीएमएफ में परियोजना अधिकारी के पद पर पदस्थ संयुक्त कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाए थे।पूर्व गृहमंत्री श्री कंवर ने कलेक्टर संजीव झा को पत्र लिखकर श्री ठाकुर पर शासी परिषद के उनके प्रस्तावित कार्यों पर कमीशनखोरी की नियत से प्रशासकीय स्वीकृति देने में विलंब करने कार्यकाल में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करने का गम्भीर आरोप लगाया था। उन्होंने सँयुक्त कलेक्टर सह परियोजना अधिकारी जिला खनिज संस्थान न्यास भरोसा राम ठाकुर को निलंबित करते हुए कार्यकाल में किए गए भ्रष्टाचार के जांच की मांग कर खलबली मचा दी थी । उन्होंने
उल्लेख किया था कि परियोजना अधिकारी जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा का पद अत्यंत महत्वपूर्ण व जिम्मेदारी का पद है। इस महत्वपूर्ण पद पर संयुक्त कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर लंबे अर्से से पदस्थ हैं। वे अपने पद एवं कर्तव्य के प्रति अत्यंत लापरवाह एवं गैर जिम्मेदार हैं। इनके लापरवाही के कारण कई विधायक ,सांसद,राज्य सभा सदस्य के प्रस्तावित कार्य समय पर व वित्तीय वर्ष के अंतर्गत स्वीकृत नहीं हो पाते हैं। जिसकी वजह से क्षेत्र का विकास नहीं हो पाता है ,जिसके जिम्मेदार भरोसा राम ठाकुर हैं। श्री कंवर ने उल्लेख किया है कि शासी परिषद की बैठक में जो प्रस्ताव पास किए गए थे एवं अनुमोदित हुए थे उसकी प्रस्तावित सूची पुनः उनके द्वारा कलेक्टर कोरबा को लगभग 2 माह पूर्व दिया गया था जिस पर कलेक्टर कोरबा के द्वारा भरोसा राम ठाकुर को तत्काल कार्यवाही कर संबंधित जगहों के कार्यों को स्वीकृति देने हेतु निर्देशित किया था। परंतु श्री भरोसा राम ठाकुर कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना करते हुए उनके द्वारा दिए गए कार्यों को लेटलतीफी करते हुए आज पर्यन्त स्वीकृत नहीं किया। जबकि सभी कार्यों का डीपीआर जनपद पंचायत के द्वारा भरोसा राम ठाकुर के पास दिया जा चुका है। इस संबंध में उनके द्वारा कई मर्तबा श्री ठाकुर को कार्यालय में भेंटकर मौखिक तौर पर बोला जा चुका है। श्री कंवर ने आरोप लगाया था कि शासी परिषद में जो कार्य अनुमोदित होते हैं। उसकी कॉपी उन्हें उपलब्ध नहीं कराई जाती ,यही नहीं उनके प्रस्तावित कार्यों पर कमीशनखोरी की नियत से प्रशासकीय स्वीकृति देने में विलंब किया जा रहा है। रामपुर विधायक श्री कंवर ने पत्र में उल्लेख किया था कि भरोसा राम ठाकुर के द्वारा संबंधित सरपंच व ठेकेदार के आने का इंतजार किया जाता है,इनके द्वारा जनपद पंचायतों को डीपीआर मंगाने हेतु विभागीय पत्र नहीं भेजा जाता उन्हें केवल वाट्सएप के माध्यम से चुनिंदा कार्यों की सूचना दी जाती है। यह तरीका पूर्ण रूप से गलत है। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर पर कार्यकाल में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था ।संयुक्त कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर के विरुद्ध मिल रहीं लगातार शिकायतों को गंभीरतापूर्वक लेते हुए राज्य शासन ने उन्हें कोरबा में 3 साल का कार्यकाल पूरा करने से पहले ही छुट्टी कर दी। 31 अक्टूबर 2022 को ही सामान्य प्रशासन विभाग ने स्थानांतरण आदेश जारी कर दिया था। विश्वत सूत्रों की मानें तो श्री ठाकुर केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी के जांच के भी रडार में हैं। आईएएस ,बिल्डरों ,कोल कारोबरियों के गिरफ्तारी से वैसे ही राज्य सरकार की छवि खराब हुई है। ऐसे में तबादले की इस कार्रवाई को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा था। बावजूद इसके केंद्रीय एजेंसियों के जाते ही सँयुक्त कलेक्टर श्री ठाकुर को कोरबा से दो माह तक रिलीव नहीं किया गया। 7 जनवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का कोरबा प्रवास है। इस दौरान वे केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा भी करने वाले हैं। निश्चित तौर पर जिले में भाजपा के पदाधिकारी भष्ट्राचार के आरोपों में घिरे प्रशासनिक अफसर को रिलीव नहीं करने के मुद्दे जरूर उठाते। इस परिस्थिति के निर्मित होने के पूर्व ही 2 जनवरी को साल के पहले कार्यदिवस में ही कलेक्टर संजीव झा ने संयुक्त कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर को नवीन कार्यस्थल के लिए भारमुक्त कर दिया।

संरक्षण की वजह से नहीं हुए थे भारमुक्त !

गम्भीर शिकायतों के बाद सँयुक्त कलेक्टर भरोसाराम ठाकुर कोरबा से हटाए गए थे। लेकिन स्थानातंरण आदेश जारी होने के 2 माह बाद भी सामान्य प्रशासन विभाग के उक्त आदेश का अनुपालन नहीं किया जाना कई तरह के संदेहों को जन्म देता है।कहीं न कहीं राज्य स्तर से ही उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाता रहा । स्थानान्तरण आदेश सिर्फ जनता को गुमराह करने का तरीका मात्र था। जो काम इनके माध्यम से कराना था उस मंशा में सरकार जिला प्रशासन मंसूबों में सफल रहा। इस बीच पुराने ढर्रे पर ही डीएमएफ का कामकाज चलता रहा। बदलते रुख के साथ विधायक श्री कंवर ने भी चुप्पी साध रखी थी।

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