सर्दियों के मौसम में गरमागर्म चाय या कॉफी के साथ सज़ाई में बैठकर फिल्म देखने का मज़ा ही अलग है। देश के उत्तरी क्षेत्र में जिस तरह तापमान गिर रहा है, ऐसे में लोगों का घरों में हीटर का उपयोग करना भी आम है। हीटर कमरे या घर को गर्म कर आपको ठंड से राहत भी दिलाता है। हालांकि, इसका ज़्यादा उपयोग सेहत को नुकसान भी पहुंचाता है। हीटर के आगे ज़्यादा बैठने से रूखी त्वचा, एलर्जी, आंखों का ड्राई होना, नींद की दिक्कत और यहां तक कि जानलेवा भी साबित हो सकता है। जी हां, आपने सही पढ़ा!
हीटर क्यों होता है ख़तरनाक?
कमरे में अगर आप हीटर चलाकर सो जाते हैं, तो इससे कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर बढ़ता है। जो लोग दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें सीने में दर्द शुरू हो सकता है। साथ ही छोटे बच्चों और उम्रदराज़ लोगों को काफी समस्या हो सकती है।
गैस हीटर चलाकर सोने में नींद में दम घुटने (asphyxia) का जोखिम बढ़ जाता है। कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर बढ़ने से दिमाग तक खून नहीं पहुंच पाता, जिससे हेमरेज और मौत भी हो सकती है।
रूखी त्वचा, कंजक्टिवाइटिस और एलर्जी
हीटर में हमें सर्दी से आराम ज़रूर मिलता है, लेकिन इसका लगातार इस्तेमाल स्किन को रूखा बनाने के साथ आंखों में तकलीफ भी पैदा करता है। आंखों में ड्राईनेस, कंजक्टिवाइटिस की वजह भी बन सकती है। रूखी त्वचा से खुजली, रेडनेस और एलर्जी हो सकती है। इसलिए अगर आप हीटर के बिना नहीं रह पाते, तो अपने पास एक कप पानी का रखें, ताकि कमरे में नमी बनी रहे। जो लोग दिल की बीमारी, अस्थमा से पीड़ित हैं या फिर उम्रदराज़ हैं, उन्हें हीटर का इस्तेमाल करते वक्त सतर्क रहना चाहिए।
रूम हीटर का इस्तेमाल करते वक्त रखें इन बातों का ख्याल
– हीटर के पास कुछ भी न रखें। खासतौर पर जिन चीज़ों से आग लग सकती हो, जैसे कागज, बिस्तर, फर्नीचर और ब्लैंकिट आदि जैसी चीज़ों को दूर ही रखें।
– हीटर को किसी सख्त सतह पर रखें, जिसमें आग न लगे। हीटर को कभी भी कार्पेट, लकड़ी या फिर प्लास्टिक के पास न रखें।
– छोटे बच्चों और पालतू जानवरों को हीटर से दूर रखें।
– हीटर को ऑन कर कभी न जाएं। कमरे या फिर से निकलने पर हमेशा हीटर को बंद करें।
– कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड के बढ़ने पर सिर दर्द, चक्कर आना, पेट दर्द, उल्टी आना, मतली और कमज़ोरी महसूस होने जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
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