दिन में BPSC की तैयारी, रात में होम डिलीवरी; किताबों में छिपाकर शराब की सप्लाई

बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से 80 लोगों की मौत हो गई, वहीं सीवान और बेगूसराय में भी 7 लोगों की जान जहरीली शराब ने ली है. बिहार में जहरीली शराब से इतनी बड़ी संख्या में मौत के बाद सरकार और प्रशासन एक्टिव मोड में है. शराब पीने वाले, शराब बेचने वाले और शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसके बाद एक से एक खुलासे हो रहे हैं.वैशाली के हाजीपुर में उत्पाद विभाग ने शराब से जुड़े एक ऐसे गिरोह का उद्भेदन किया है जो पढ़ाई के साथ साथ शराब की तस्करी में लिप्त था. उत्पाद विभाग की टीम ने गुप्त सूचना पर हाजीपुर शहर के जौहरी बाजार रोड से स्कूटी सवार एक युवक को पकड़ा तो होम डिलीवरी करने वाले ऐसे गिरोह का खुलासा हुआ जो पढ़ाई की आड़ में शराब का कारोबार करता था.

पकड़ा गया युवक दिन के उजाले में बीपीएससी की तैयारी पटना की एक कोचिंग में करता था और रात होते ही शराब की डिलीवरी करता था. वक सोनपुर का रहनेवाला है जिसे उत्पाद विभाग की टीम ने 25 टेट्रा पैक शराब से साथ पकड़ा है.

BPSC की तैयारी करता है युवक
युवक शराब की ये खेप एक बैग में रखकर स्कूटी से हाजीपुर डिलीवरी देने आया था. उत्पाद इंस्पेक्टर अजित कुमार ने बताया कि इसके अलावे कुछ और छात्र हैं जो पढ़ाई के साथ- साथ किताबो के बीच बैग में शराब रखकर होम डिलीवरी करते है जिनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार युवक पटना के बोरिंग रोड स्थित एक आईएएस कोचिंग संस्थान में बीपीएससी की तैयारी करता है और साथ ही शराब की डिलीवरी का भी काम करता है.

युवक ने बताई अलग कहानी
गिरफ्तार युवक ने उत्पाद विभाग की टीम को बताया कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह कुछ दोस्तों के कहने पर इस धंधे में आया. इधर मीडिया के सामने युवक ने बताया कि उससे किसी ने लिफ्ट मांगी थी जो बैग के साथ शराब छोड़कर फरार हो गया और वह गिरफ्तार हो गया.उत्पाद विभाग की टीम उसे जेल भेजने की कवायद में जुट गई है. युवक सारण जिले की दियारा क्षेत्र से विदेशी शराब लेकर बेचने का काम करता था. छपरा में जहरीली शराब कांड के बाद जब पुलिस ने चौकसी बरती तो यह शराब की खेप हाजीपुर पहुंचाने लगा.


सरकार सक्रिय तो सामने आने लगे मामले
बिहार में पूर्ण शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सरकार जितने प्रयास करती है उससे ज्यादा शराब माफिया सामने आ रहे हैं और अब पढ़ने वाले युवा भी शामिल हो गए हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि सरकार के लिए शराबबंदी को सफल बनाने की चुनौती अब और भी ज्यादा मुश्किल हो गई है. देखने वाली बात होगी इससे निपटने के लिए सरकार अब आगे क्या करती है.