भिलाई। बिलासपुर से नागपुर के बीच चलने वाली हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन भिलाई में कड़ी सुरक्षा के बीच गुजर रही है। सुबह और शाम को इस ट्रेन के दुर्ग से रायपुर के बीच गुजरने के दौरान रेल पटरी के किनारे आरपीएफ के जवानों की मौजूदगी बनी हुई है। इसके साथ ही हाल ही में हुई पत्थरबाजी जैसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने रेल पटरी किनारे की बस्तियों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
बीते 14 दिसंबर की शाम को नागपुर से बिलासपुर जा रही वंदे भारत ट्रेन पर दुर्ग से छूटने के बाद भिलाई नगर से भिलाई पावरहाउस स्टेशन के बीच पत्थरबाजी हुई थी। इस घटना के बाद रेलवे प्रशासन ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने एलर्ट मोड पर आ गया है। इसके लिए आरपीएफ को जिम्मेदारी दी गई है। आरपीएफ भिलाई की टीम भिलाई नगर स्टेशन से लेकर भिलाई-3 के सिरसा अण्डरब्रिज के दायरे में वंदे भारत ट्रेन की सुरक्षा को लेकर कसर नहीं छोड़ रही है। वंदे भारत ट्रेन बिलासपुर से नागपुर की ओर जाते समय सुबह भिलाई-दुर्ग से गुजरती है। वहीं नागपुर से बिलासपुर वापसी के समय शाम को गुजरती है। इस दौरान आरपीएफ के अधिकारी और जवान पत्थरबाजी की संभावना को देखते हुए बस्ती क्षेत्र में रेल पटरी के किनारे तैनात रहकर असामाजिक तत्वों पर नजर रखे हुए हैं।
इसके साथ ही आरपीएफ भिलाई पोस्ट द्वारा जागरुकता अभियान के तहत सभी नागरिकों से अपील की जा रही है कि रेलवे की सम्पत्ति को देश की सम्पत्ति समझकर उसकी सुरक्षा करने और बिना किसी कारण के रेल पटरी के आसपास न आएं। आरपीएफ भिलाई की टीम 14 दिसंबर को हुई पत्थरबाजी की घटना के बाद रेल पटरी किनारे की गांधी नगरए डबरा पाराए खुर्सीपार, पावरहाउस, सुपेला क्षेत्र की बस्तियों में जाकर लोगों को यात्री ट्रेनों में पत्थरबाजी रोकने में मदद की अपील कर रही हैं। ऐसे शरारती तत्वों को जो रेलवे की सम्पत्ति को हानि पहुंचाने या अपराधिक प्रवृत्ति के हों उनके विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई हो सके इसके लिए आरपीएफ की मदद करने की अपील की जा रही है।
रेल सम्पत्ति की सुरक्षा में भागीदार बनें आमजन
आरपीएफ भिलाई की ओसी पूर्णिमा राय बंजारे ने बताया कि रेल सम्पत्ति की सुरक्षा में आमजनों की भागीदारी सुनिश्चित होना जरूरी है। इसके लिए उनके द्वारा टीम के साथ रेल पटरी किनारे की बस्तियों में जाकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लोगों से पत्थरबाजी जैसी घटना रोकने में मददगार बनने की अपील की जा रही है। इसके अलावा पालतू मवेशियों को रेलवे लाइन की ओर नहीं ले जाने की भी समझाइश दी जा रही है। रेल गाडिय़ों में पत्थर फेंकने से किसी यात्री का जान जोखिम में आ सकता है। वहीं ट्रेन से टकराकर आने वाले पत्थर से खुद को भी चोट लग सकती है।
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