महाराष्ट्र के नागपुर में संभागीय खेलों की दौड़ प्रतियोगिता में हारने के बाद 16 वर्षीय एक लड़के ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. हिंगना थाने के अधिकारी ने बताया कि दसवीं कक्षा का छात्र 16 दिसंबर को हुए खेलों के बाद घर लौटने पर अवसाद में था और उसने शनिवार शाम पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि वह संभागीय खेलों में हुई दौड़ में हारने के बाद बहुत परेशान था. हमने दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया है और जांच की जा रही है.’
हार से परेशान होकर आत्महत्या करने का ये कोई पहला मामला नहीं है. बीते सालों में युवाओं द्वारा सुसाइड करने के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं.अभी हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने देशभर में छात्रों के बीच हो रही आत्महत्याओं के मामले पर आंकड़े जारी किए हैं. देशभर से ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां युवाओं ने करियर में सफलता न मिल पाने के कारण आत्महत्या की है. देश के कोचिंग हब कहे जाने वाले राजस्थान के कोटा में मेडिकल या इंजीनियरिंग में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों द्वारा आत्महत्या के कई मामले सामने आए हैं.
आत्महत्या करने के मामलों में छात्रों की संख्यां बढ़ी
कोटा के अलावा देशभर में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां युवा छात्रों ने अपने अकादमिक करियर में सफलता न मिल पाने के बाद आत्महत्या करने का फैसला लिया है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के जारी आंकड़ों से पता चला कि आत्महत्या के मामलों पर हाल के सालों में छात्रों की आत्महत्या से होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है.
कोरोना महामारी के दौरान सबसे ज्यादा छात्रों ने की आत्महत्या
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार देश में 2021 में सर्वाधिक 1834 स्टूडेंट्स ने महाराष्ट्र में आत्महत्या की, जिसके बाद दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश में 1308 और तीसरे नंबर पर तमिलनाडु 1246 छात्रों ने आत्महत्या की है. एनसीआरबी की एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड इन इंडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि 2020 से 2021 में कोरोना वायरस महामारी के दौरान छात्रों की आत्महत्या में भारी बढ़ोतरी देखी गई है, जिसके कारण यह पिछले पांच सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.
एनसीआरबी ने बताया कि 2021 में स्टूडेंट्स के द्वारा आत्महत्या करने के मामलों में 4.5% की वृद्धि देखी गई है, साल 2020 में देश में 12526 छात्रों की मौत आत्महत्या से हुई, जबकि 2021 में यह संख्या बढ़कर 13,089 हो गई.
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