सतनामी समाज के वरिष्ठ युवाओं ने गुरू पर्व गुरूघासीदास जंयती में किए सराहनीय व पुनीत कार्य- मनीराम जांगड़े

कोरबा,18 दिसम्बर । परम पूज्य गुरू घासीदास बाबाजी 266वीं जंयंती एवं गुरू पर्व के पावन अवसर पर अखिल भारतीय सतनामी युवा कल्याण समिति के प्रदेष अध्यक्ष मनीराम जांगड़े के नेतृत्व में रचनात्मक एवं पुनीत कार्य किए जाएंगे जिसमें दिव्य ज्योति छात्रावास डिंगापुर में दृष्टि बाधित, मूब बधिर व श्रवण बाधित छात्र-छात्राएं निवास कर पठन पाठन का कार्य कर रहे हैं। उन्हें गुरू घासीदास बाबाजी की सतनाम परसादी के रूप में खीर-पुड़ी एवं भोजन कराया जाएगा। उक्त कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य अतिथि रविकांत जाटवर उप अस्पताल अधीक्षक मेडिकल कॉलेज रहे। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता मनीराम जांगड़े ने की एवं विषिष्ट अतिथि के रूप में दिनेष कुर्रे, दादूलाल मनहर, रवि खूंटे, रामगोपाल कुर्रे, सुरेध धारी उपस्थित थे।

इस बीच मुख्य अतिथि रविकांत जाटवर ने उपस्थित छात्र छात्राओं एवं आयोजन समिति के सतस्त पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में अपने उज्जव भविष्य को साकार करना है तो केवल मात्र षिक्षा ही एक ऐसा हथियार है जिसके सामने बड़े से बड़े बलवान नहीं टिक सकते साथ ही हमंे सदैव एकता एवं संगठित रहकर जीवन यापन करना चाहिए क्योकि परम पूज्य गुरू घासीदास बाबाजी ने मानव समाज को संदेष दिया है कि ’’ मनखे मनखे एक समान ’’ ष्शायद बाबाजी की संदेष का ही असर है कि वर्तमान में सभी समुदाय के लोग एक जगह एकत्रित होकर गुरू घासीदास जी का नमन करते है साथ ही उनके दिए हुए संदेष को अपने जीवन में आत्मसात भी कर रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समिति के प्रदेष अध्यक्ष मनीराम जांगड़े ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कोरबा जिला ही नहीं अपितु समचे भारतवर्ष में करोड़ो छात्र-छात्राए अध्यापन कर रहे हैं।

लेकिन दिव्य ज्योति छात्रावास में निवासरत अपने जीवन को उज्जवल बनाने हेतु जो पढ़ाई कर रहे है वह बहुत ही सराहनीय है। मै इस संस्था में जब भी आता हॅं तो मेरे अपने बच्चे से भी बहुत ही प्यारे यहॉं के छात्र-छात्राएं लगते हैं। मै गुरू घासीदास बाबाजी से कामना करता हॅूं कि इन्हें अपना सबसे अधिक आर्षीवाद प्रदान करें ताकि हमारे कोरबा जिला ही नहीं अपितु समूचे प्रदेष का नाम रोषन करें। उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में सर्वश्री जे.पी. कोसले राज महंत सतनामी समाज,, अष्वनी कुमार कांत, अनिल रात्रे, विषाल राम जनजान, नरेन्द्र कुमार भारद्वाज, खोलबहरा रत्नायका, सुरेष महिलांगे, हरीष जांगड़े, राहुल राज, राजेष कुमार मार्बल, अषोक पाटले, नरेष टंडन, सुरेन्द्र भारद्वाज, गौतम लहरे, हिमांषु जनजान, सुधांषु जनजान अष्वनी अनंत के साथ ही समिति के समस्त पदाधिकारी के साथ ही श्रीमती जानकी यादव एवं छात्रावास अधीक्षीका खेत्रपाल सक्रिय थे।

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