नई दिल्ली ,16 दिसम्बर । विद्युत मंत्रालय ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 32वें राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (एनईसीए) और दूसरे राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार (एनईईआईए) के विजेताओं को सम्मानित किया। ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता स्कूली बच्चों को भी पुरस्कार दिए गए। इस अवसर पर, राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने देश में ई-मोबिलिटी को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ‘ईवी यात्रा’ वेब पोर्टल और इसके मोबाइल फोन एप्लिकेशन का शुभारंभ किया।
सभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यह सुनिश्चित करना सभी के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है कि आने वाली पीढ़ियां प्रदूषण मुक्त वातावरण में सांस लें, अच्छी तरह से प्रगति करें और स्वस्थ जीवन जी पाएं। स्वच्छ हवा में सांस लेना एक बुनियादी मानव अधिकार है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करके कई मानवाधिकारों की रक्षा की जा सकती है और लोगों से इसे सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में अपनाने का आग्रह किया ताकि आने वाली पीढ़ी प्रदूषण मुक्त हवा में सांस ले सके। राष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों का सामना करते हुए ऊर्जा संरक्षण एक वैश्विक और राष्ट्रीय प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि भारत का प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन वैश्विक औसत के एक तिहाई से भी कम है, लेकिन एक जिम्मेदार देश के रूप में भारत पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी-26) में विश्व समुदाय से पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली अपनाने का आग्रह करते हुए ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ यानी लाइफ (एलआईएफई) का संदेश दिया था।
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