रायपुर। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी की 150वीं जनसुनवाई में कुल 29 प्रकरण रखे गये थे। इनमे से 7 प्रकरण नस्तीबद्ध किये गए, शेष प्रकरण को आगामी समय मे सुनवाई की जाएगी।एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने पति के विरुद्ध शिकायत आयोग में प्रस्तुत की है। जिसमे अनावेदक पति पीटीएस माना में पदस्थ है जो दूसरी महिला वह भी कॉन्स्टेबल है, के साथ अवैध संबंध रखे हुए हैं और मुझे लगातार तलाक के लिए दबाव बनाया जाता है। इसके साथ ही सभी के सामने गला दबाकर जान से मारने की भी कोशिश किया है। इस स्तर पर आवेदिका के बच्चे भी सुनवाई में उपस्थित हुए। उन्होंने बताया कि अनावेदक द्वारा उनके मां के साथ दुर्व्यवहार व मारपीट करता है। हमसे ना तो मिलता है और ना ही हमे समय देता है। आवेदिका की बेटी 7 वर्षीय हैं। उसने आयोग को बताया कि अनावेदक पिता वीडियो कॉल में अनावेदिका दूसरी महिला के साथ स्पीकर पर बात करता है जिसे दोनो बच्चों ने देखा है। इस स्तर पर अनावेदिका दूसरी औरत को आयोग ने समझाइश दिया कि सिविल सेवा आचरण संहिता का उल्लंघन है। इस पर उनकी नौकरी भी जा सकती है। यह समझाइश दिए जाने पर अनावेदिका दूसरी महिला ने सहमति जताई है।आयोग के निर्देशों का पूरी तरह से पालन करने का भरोसा दिया है।आयोग ने अनावेदक को बच्चों को 6 हजार रुपये प्रतिमाह भरण पोषण देने के निर्देश देते हुए इस प्रकरण को 6 माह की निगरानी में रखा है।आगामी सुनवाई में इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।
एक और अन्य प्रकरण में आवेदिका ने पिछली सुनवाई में कहा था कि जहां वह रह रही है वह मकान उसका हैं और उसका टैक्स पटा रही है। आज की सुनवाई में अनावेदिका उपस्थित हुई और वह उस मकान पर 22 वर्षों से निवासरत है। अनावेदिका ने बताया कि नजूल की जगह है वह टैक्स पटा रही है। ऐसी दशा में उभय पक्ष चाहे तो दोनो पक्षो को अपने हक के लिए न्यायालय में जाने की सलाह देते प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका की बेटी की मृत्यु संदिग्ध परिस्थितियों में होने के कारण आवेदिका को शक है उसकी बेटी की मृत्यु का कारण अनावेदक है। आवेदिका की बेटी व अनावेदक की 2 संतान है। जिससे अनावेदक मिलने नही देता व बात भी नही करने देता जिसकी शिकायत आवेदिका ने किया है। इस स्तर पर बच्चों से बात किया गया बच्चों ने बताया कि अनावेदक ने हमे सिखाया कि नाना नानी से बात ना करे। बच्चे उनसे मिले शीतकालीन या ग्रीष्मकालीन छुट्टी में नाना नानी के पास जाने को इच्छुक हैं। साथ ही बच्चों ने बताया कि घटना दिनांक को उसकी माँ को उल्टी हुई थी उसके बाद हॉस्पिटल ले जाते समय उसकी मृत्यु हुई थी। दोनो पक्षों को आयोग द्वारा समझाइश दिया गया कि बच्चों के हित में परिवारजनों से समय समय पर मिलने व उनके परवरिश बेहतर तरीके से हो। इस समझाइश के साथ इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में पति पत्नी को आयोग द्वारा विस्तार से सुना गया। विवाह के 2 माह दोनो साथ में रहे उसके बाद से दोनो के बीच विवाद होते रहा जिसमे आवेदिका छत से कूदकर जान देने की कोशिश भी की है। इस स्तर पर इस प्रकरण को दोनो को सम्बंध सुधारने की समझाइश देते हुए 6 माह की निगरानी के साथ अनावेदक पति पत्नी के बैंक खाते में प्रतिमाह 6 हजार रुपये भरण पोषण राशि देने के निर्देश दिए हैं।
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