उत्तर बस्तर कांकेर : धान की खेती के बदले सब्जी की खेती में चार गुना ज्यादा लाभ

ड्रिप तकनीक का उपयोग कर कम पानी से अधिक रकबा में हो रहा सिंचाई

उत्तर बस्तर कांकेर 15 दिसम्बर | कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला के मार्गदर्शन में कृषि अभियांत्रिकी कांकेर द्वारा विकासखण्ड दुर्गूकोंदल के किसानों को धान के बदले सब्जी एवं अन्य व्यावसायिक फसल हेतु प्रोत्साहित कर उद्यानिकी विभाग (चेम्प्स बीज निगम) एवं ड्रिप सिंचाई से लाभान्वित किया जा रहा है। जिला मुख्यालय कांकेर से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम सिवनी, आमापारा के किसान महेन्द्र श्रीवास्तव ने गत वर्ष 2021-22 में कृषि अभियांत्रिकी कांकेर के मार्गदर्शन में ड्रीप सिंचाई का लाभ लेकर अपनी 22 एकड़ की जमीन में ड्रीप सिंचाई की स्थापना किया तथा वर्तमान में पूरे 22 एकड़ क्षेत्र में सब्जियों की खेती कर रहे हैं। कीट एवं रोग नियंत्रण के लिए रसायनिक दवाओं के साथ-साथ जैविक विधि का भी उपयोग कर परम्परागत धान की खेती की तुलना में सब्जियों की व्यवसायिक खेती से लगभग चार गुना अधिक आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। उनके द्वारा 15 से 20 लोगों को वर्षभर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। कृषक महेन्द्र श्रीवास्तव क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बने, उनका अनुसरण करते हुए अन्य कृषक भी ड्रीप सिंचाई पद्धति को अपनाकर ड्रीप सिंचाई से खेती करने हेतु आगे आ रहे हैं। महेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि पहले परंपरागत तरीके से धान की खेती करते थे, जिसमें प्रतिवर्ष लगभग ढाई लाख रुपये की आमदनी होता था। वर्तमान में ड्रिप सिंचाई से सब्जी की खेती की जा रही है, जिसमें करेला, खीरा, लौकी, मिर्च, टमाटर की फसल हो रहा है, जिससे लगभग 09 लाख 60 हजार रूपये की शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ एवं सब्जी उत्पादन जारी है।
जिला प्रशासन द्वारा जिले के किसानों को धान के बदले अन्य लाभकारी फसलों की खेती को अपनाने के साथ-साथ ड्रीप सिंचाई को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़े और वे आत्मनिर्भर हों। एच.एल. देवांगन सहायक कृषि अभियंता कांकेर ने कहा कि ड्रिप सिंचाई से कम पानी में अधिक से अधिक रकबा में सिंचाई किया जा सकता है। किसान सब्जी एवं अन्य लाभकारी फसल की खेती से अधिकतम फसल उत्पादन कर अपनी आय दोगुनी से तिगुनी कर सकते हैं।

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