शिवसेना के चुनाव निशान तीर कमान को फ्रिज करने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है. चुनाव आयोग के निर्णय के खिलाफ उद्धव ठाकरे ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दाखिल किया है. उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने उनका पक्ष सुने बिना एकतरफ कार्रवाई करते हुए उनके चुनाव निशान तीर कमान को फ्रिज कर दिया था. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
दिल्ली हाईकोर्ट में उद्धव ठाकरे की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने हमारा पक्ष सुने बिना ही हमारी पार्टी का सिंबल सील कर दिया. देश के इतिहास में आज तक ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. उद्धव ठाकरे का अदालत पक्ष रखते हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने फैसले में कहा था कि प्रारंभिक आपत्ति नहीं सुनी जा सकती. उन्होंने हाईकोर्ट की इस टिप्पणी पर स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कहा कि कोर्ट ऐसा कैसे कह सकती है.
दो दल, लेकिन कोई गुट नहीं
कपिल सिब्बल ने अदालत में बहस करते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग के सामने इसपर पुरजोर आपत्ति की थी. यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. उन्होंने कहा कि दो दल हैं, लेकिन कोई गुट नहीं है. लेकिन अब तक जानबूझ कर मामले में दो गुट दर्शाने का प्रयास किया गया.
सिंगल बेंच के आदेश को ठाकरे ने दी चुनौती
उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग के फैसले और इस फैसले को सही ठहराने वाले हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती दी है. इसमें ठाकरे गुट और शिंदे गुट की शिवसेना के विवाद में चुनाव आयोग ने शिवसेना के चुनाव निशान को फ्रिज कर दिया गया था. दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल जज ने चुनाव आयोग के इस फैसले को सही ठहराया था. ऐसे में उद्धव ठाकरे गुट ने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के इस फैसले पर आपत्ति दाखिल करते हुए अपील किया है. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.
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