कोल माइंस की नई दिल्ली में बैठक हुई, जमीन अधिग्रहण की प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर जोर दिया गया

कोरबा,14 दिसम्बर । स्टैंडिंग कमेटी ऑन सेफ्टी इन कोल माइंस की नई दिल्ली में 48 वीं बैठक हुई, जिसमें जमीन अधिग्रहण की प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर जोर दिया गया। इस पर कंपनी प्रबंधन जरूरी पहल का आश्वासन दिया। उसके अलावा खदान के ठेका कर्मियों के हित को लेकर भी चर्चा की गई।

स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों ने कोयला खदानों में नियोजित आउटसोर्सिंग कंपनियों में 5 साल या इससे अधिक समय से काम कर रहे ठेका कर्मियों को भी ग्रेच्युटी का लाभ देने पर जोर दिया। कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी की अध्यक्षता में हुई बैठक में श्रमिक नेताओं ने कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति की तिथि पर ग्रेच्युटी, भविष्य निधि, पेंशन का भुगतान किए जाने के फैसले को अमल में लाकर कोयला कर्मियों को इसका लाभ देने का मुद्दा उठाया। बैठक में सदस्यों को आश्वस्त किया कि खदानों व खनिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। कोयला कर्मियों को काम के दौरान बेहतर सुरक्षा का वातावरण देने फंड की कमी नहीं होने दी जाएगी।

रोजगार के लिए विस्थापितों का संघर्ष जारी
जमीन अधिग्रहण को लेकर कोल इंडिया की बनी नई पॉलिसी से अब कई भू विस्थापित कंपनी में रोजगार पाने से वंचित हो रहे हैं। इसको लेकर संघर्ष करने मजबूर हैं। जिले में कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी एसईसीएल की भूमिगत व खुली खदानें हैं। ओपन माइंस कुसमुंडा, गेवरा, दीपका की उत्पादन क्षमता बढ़ाने कंपनी विस्तार में लगी है।

समस्या दूर करने के लिए करेंगे पहल
एटक जेबीसीसीआई सदस्य लखन महतो का कहना है कि कोल इंडिया की सहायक कंपनियों के लिए बनाई जमीन अधिग्रहण नीति काफी पेचीदा है। भू विस्थापितों को कई बार समय पर इसकी जानकारी नहीं मिलती है, जो नाराजगी की वजह बनती है। स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में सरलीकरण को लेकर मुद्दा उठा। उचित पहल का आश्वासन मिला है।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]