न्याय के चार साल: छत्तीसगढ़ में श्रमेव जयते

असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के कल्याण के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ देश को नई राह दिखा रहा है। राज्य में ग्रामीण क्षेत्र में मेहनत मजदूरी करके जीवनयापन करने वाले लाखों भूमिहीन लोगों को आर्थिक सहायता देने के लिए न्याय योजनाओं की कड़ी में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना शुरू की गई है। देश में अपने किस्म की यह पहली योजना है। इस योजना में गांव में मजदूरी करने वाले लोगों को साल में 7 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है।

छत्तीसगढ़ सरकार श्रमेंव जयते की मूल भावना को लेकर काम कर रही है। श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों, मजदूरों के कल्याण के लिए अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। असंगठित श्रमिकों के लिए कौशल वृद्धि, नियोजन सहित विभिन्न सहायता पहुंचाने के लिए ई-श्रमिक पोर्टल में पंजीयन किया जा रहा है। अब तक 82 लाख 40 हजार श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है। ई-पोर्टल पर पंजीयन के मामले में छत्तीसगढ़ देश के 6वें स्थान पर है। उद्योगांे, कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों की सेवानिवृत्ति की आयु में दो वर्ष की वृद्धि की गई है। अब श्रमिक 58 वर्ष की बजाए 60 वर्ष में सेवानिवृत्त होंगे।

छत्तीसगढ़ में श्रमिक और उनके परिवारों के कल्याण के लिए अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इन योजनाओं के जरिये श्रमिक परिवारों को कौशल उन्नयन, चिकित्सा और शिक्षा के बेहतर मौके मिल रहे हैं। कोरोना संकट काल में श्रमिकों की देख भाल और त्वरित सहायता पहुंचाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी गई। लाकडाउन की अवधि में 73 हजार से अधिक श्रमिकों को 171 करोड़ रुपए से अधिक का वेतन भुगतान कराया गया। श्रमिकों के वेतन संबंधित शिकायतों के आधार पर 875 से ज्यादा श्रमिकों को एक करोड़ से ज्यादा रुपए का वेतन भुगतान कराया गया। राज्य से प्राप्त 1067 अनुरोध में 34,321 श्रमिकों को भोजन, राशन सहायता उपलब्ध कराई गई। अन्य प्रदेशों से 107 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से 1,53,859 श्रमिकों को वापस लाया गया।

 पिछले चार साल में श्रमिको के कल्याण के लिए उठाये गये ठोस कदमों के लिए छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है। श्रम विभाग को ई-श्रमिक सेवा क्षेत्र में सार्वभौमिक पहुंच हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार स्वरुप 2 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई है। श्रम विभाग को ई-श्रमिक सेवा के लिए एकल एकीकृत पंजीकरण हेतु स्कॉच पुरस्कार प्रदान किया गया। प्रवासी श्रमिकों के हितसंरक्षण हेतु छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020 प्रभावशील की गयी है। ई-श्रम पोर्टल में असंगठित क्षेत्र में कार्यरत 82 लाख 40 हजार असंगठित कामगारों का पंजीयन किया जा चुका है। ई-श्रमिक पोर्टल के माध्यम से असंगठित श्रमिकों के पंजीयन संख्या के आधार पर देश में छत्तीसगढ़ छठवें स्थान पर तथा लक्ष्य प्राप्ति के तृतीय स्थान पर है।

निर्माण श्रमिकों हेतु संचालित नवीन योजनाएं-मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के अंतर्गत लगभग 6376 निर्माण श्रमिकों एवं उनके आश्रितों को लगभग 63 करोड़ 76 लाख रुपए प्रदाय किया गया है। ’मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक निःशुल्क कार्ड योजना’ के अंतर्गत लगभग एक लाख 19 हजार से ज्यादा हितग्राहियों को लाभान्वित करने 12 लाख रूपए व्यय किए गए। मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना के अंतर्गत 9257 हितग्राहियों को लगभग 18 करोड़ 51 लाख रूपए और मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना के अंतर्गत 48 हितग्राहियों को करीब पांच लाख रूपए की सहायता प्रदान की गयी है।

असंगठित कर्मकारों हेतु संचालित नवीन योजना- असंगठित कर्मकार मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना अंतर्गत 3673 असंगठित कर्मकारों एवं उनके आश्रितों को लगभग 36 करोड़ 73 लाख रूपए की सहायता दी गई है। असंगठित श्रमिकों के पंजीयन एवं कल्याण की कार्यवाही अंतर्गत करीब 6 लाख हितग्राहियों को लगभग रुपये 96 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है। इसी तरह से संगठित श्रमिकों हेतु 2 नवीन योजना ’मेधावी शिक्षा प्रोत्साहन योजना’ तथा ’खेल-कूद प्रोत्साहन योजना’ दो जून 2022 से प्रारंभ की गयी है। संगठित श्रमिकों के पंजीयन एवं कल्याण की कार्यवाही अंतर्गत लगभग 4.09 लाख हितग्राहियों को रूपये 4.91 करोड़ रूपए की सहायता दी गई है।

निर्माणी श्रमिकों के पंजीयन एवं श्रमिकों के कल्याण हेतु करीब 14.75 लाख हितग्राहियों को लगभग रुपये 313.64 करोड़ रूपए की राशि से लाभान्वित किया गया है। निर्माणी श्रमिकों का पंजीयन शुल्क माफ कर पंजीयन निःशुल्क किया गया। कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें के तहत कामगार योजना से पांच लाख से ज्यादा हितग्राहियों को जोड़ा गया है। कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें के द्वारा रायपुर एवं कोरबा में सौ बिस्तर युक्त चिकित्सालय का निर्माण कर बाह्यरोगी सेवा आरंभ की गई है। कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें के मुख्यालय में बीमित हितग्राहियों कीे सहायता हेतु टोल-फ्री नंबर (1800-233-1351) प्रारंभ किया गया है।

कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें द्वारा एक जनवरी .2019 से अब तक बीमित हितग्राहियों एवं उनके परिवारजन के द्वितीयक उपचार पर लगभग रूपये 107.06 करोड़ का व्यय किया जा चुका है। बीमित श्रमिक हितग्राहियों को चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है। कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें अंतर्गत एक जनवरी 2019 से अब तक लगभग 24 लाख से ज्यादा बीमित हितग्राहियों को चिकित्सा सुविधा प्रदान की गयी है। कोरोना संकट के दौरान तीन लाख से ज्यादा संकट में फंसे श्रमिकों, प्रवासियों हेतु भोजन, राशन की सहायता दी गई एवं स्थापनाओं, कारखानों की श्रमिकों को वेतन भुगतान एवं छटनी नहीं किये जाने हेतु निर्देश दिए गए।

संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीयन प्रक्रिया को सरल करने के लिये एकीकृत आवेदन हेतु ऑनलाईन पोर्टल तैयार किया गया है, साथ ही ’श्रमेव जयते’ मोबाईल ऐप एक सितम्बर 2022 को प्रारंभ किया गया है। श्रमिकों की सहायता के लिए शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभांवित करने एवं उनकी विभिन्न शिकायत के निराकरण हेतु मुख्यमंत्री श्रमिक सहायता केन्द्र की स्थापना की गई है।

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