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कोरबा से बड़ी खबर कोयला खदान में कमीशन का खेल: SECL के अधिकारियों पर सवाल

Lalima Shukla
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कोरबा,18 अप्रैल (वेदांत समाचार)। एसईसीएल की गेवरा परियोजना खदान में कोयला उठाव के एवज में कमीशन का खेल चर्चा में है। इस बीच, केंद्रीय कोयला मंत्री के आगमन पश्चात जारी तबादला सूची में गेवरा परियोजना खदान के तीन प्रमुख अधिकारियों का नाम नहीं होने से सवाल उठने लगे हैं।

तबादला सूची में नाम नहीं

एस के मोहंती (जीएम गेवरा), एन. खुर्सीद (डीजीएम, कोल डिस्पैच इंचार्ज), गौरी शंकर प्रसाद (जीएम विद्युत एंड यांत्रिकी) का नाम तबादला सूची में नहीं होने से चर्चा है। खदान सूत्र मानते हैं कि इन अधिकारियों का नाम तबादला सूची में होना चाहिए था।

कमीशन का खेल

खदान सूत्र बताते हैं कि एसईसीएल बिलासपुर की कोयला खदानों से उद्योगों को लिंकेज आक्शन में कोयला दिया जाता है और स्पॉट आक्शन के जरिए कोयले का विक्रय किया जाता है। इसमें रिश्वतखोरी और अवैध वसूली का खेल शुरू हो जाता है। कोयला खरीददार को एलाऊ फीस 10 रुपये प्रति टन देना होता है, इसके बाद ही कोयला प्रदान किया जाता है।

स्टीम कोयला की चाह

कोयला खरीददार को आरओएम यानी खदान से जैसा कोयला फेस में पहुंचा है, वैसा ही दिए जाने का नियम है, लेकिन पेशेवर कोयला खरीददार यहां पर सांठगांठ से अच्छा कोयला उठाने की सुविधा चाहता है। इस सुविधा के लिए कोयला खरीददार को 50 से 60 रुपये प्रति टन सेवा शुल्क का भुगतान करना पड़ता है।

कटनी, सतना और वाराणसी में ऊंची कीमत पर बिकता है

यह स्टीम कोयला कटनी, सतना और वाराणसी कोयला मंडी ले जाया जाता है, जहां यह ऊंची कीमत पर बिकता है। इससे साफ है कि एसईसीएल की गेवरा परियोजना खदान में कमीशन का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है।

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