छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रेलवे के कार्यक्रम में राजगीत ‘अरपा पैरी के धार’ की धुन और गीत के सम्मान में रेलवे के अफसर खड़े होना ही भूल गए। दरअसल, देश में सबसे तेज चलने वाली वंदे भारत ट्रेन के शुभारंभ के बाद बिलासपुर पहुंचने पर रेलवे ने स्वागत समारोह का आयोजन किया था, जिसमें रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। इसकी शुरुआत छत्तीसगढ़ के राजगीत ‘अरपा पैरी के धार’ से हुआ।
स्टेज में जैसे ही राजगीत शुरू हुआ, अफसरों को उसके सम्मान में खड़ा हो जाना था। लेकिन, अफसर अपनी सीट पर बैठे रहे। उनकी देखादेखी मौजूद लोग भी कुर्सी पर बैठे नजर आए। हालांकि, रेलवे के अधिकारी अब इस मामले में सफाई दे रहे हैं। सीनियर डीसीएम ने कहा कि किसी भी अफसर के मन में ऐसी मंशा नहीं थी कि राजगीत का अपमान हो।
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य भारत में सबसे तेज चलने वाली वंदेभारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर नागपुर से शुभारंभ करते हुए रवाना किया। इस ट्रेन को लेकर लोगों के साथ ही भाजपा के लोगों में खासा उत्साह देखा गया। यही वजह है कि जगह-जगह ट्रेन का स्वागत हुआ और लोग सेल्फी भी लेते रहे। छत्तीसगढ़ के पहले स्टॉपेज डोंगरगढ़ के बाद राजनांदगांव में खुद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और बिलासपुर सांसद अरूण साव ने स्वागत किया और ट्रेन में बैठकर बिलासपुर तक सफर भी किया। बिलासपुर जोनल मुख्यालय में ट्रेन की अगुवाई करने रेलवे ने भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया था।
इस कार्यक्रम की शुरूआत छत्तीसगढ़ के राजगीत ‘अरपा पैरी के धार’ से हुई। आयोजकों को चाहिए था कि राजगीत शुरू होने के साथ ही अनाउंसमेंट कर रेल अफसर समेत मौजूद लोगों को राजगीत के सम्मान में खड़े होने के लिए सजग करना था। लेकिन, आयोजकों को राजगीत के सम्मान का ख्याल नहीं आया। लिहाजा, रेलवे के अफसर भी छत्तीसगढ़ की अस्मिता का मान रखने का ध्यान नहीं रहा। जिसके कारण राजगीत के दौरान रेलवे के आला अधिकारी कुर्सी में बैठकर ड्रायफूट के साथ कार्यक्रम का मजा लेते रहे।
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