कोण्डागांव : स्वरोजगार योजना से लाभान्वित होकर संध्या ठाकुर बनी आत्मानिर्भर

अपने व्यवसाय में अब दे रही हैं 10 लोगों को रोजगार

कोण्डागांव, 10 दिसम्बर | घर-परिवार की जिम्मेदारी के साथ स्वयं की अतिरिक्त आमदनी के लिए कुछ काम-धंधा कर गुजरने की सोच ने घरेलू महिला संध्या ठाकुर को आत्मनिर्भरता की मुकाम तक पहुंचा दी है। शासन की स्वरोजगार योजना से लाभान्वित होकर कोण्डागांव नगर की संध्या ठाकुर बस स्टैण्ड में बेकरी फेक्ट्री संचालित करने सहित अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर चुकी हैं। वहीं अपने इस व्यवसाय में 10 अन्य लोगों को रोजगार सुलभ करवा रही हैं। संध्या ठाकुर ने बीते दो वर्ष पहले उद्योग विभाग में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 10 लाख रूपए ऋण-अनुदान के लिए आवेदन किया था, जिस पर उद्योग विभाग द्वारा बैंक के माध्यम से 10 लाख रूपए ऋण सुलभ कराया गया और ढाई लाख रूपए अनुदान दिया गया। संध्या ठाकुर ने बताया कि उक्त ऋण राशि से बस स्टैण्ड में बेकरी फेक्ट्री खोलकर उत्पादन शुरू किया और उत्पाद को बेहतर गुणवत्ता का बनाने के फलस्वरूप शहर के साथ गांवों में भी अच्छी मांग होने से बीते दो वर्ष में ही उनका व्यवसाय बढ़िया चलने लगा है।


कोण्डागांव नगर के श्रीमती संध्या ठाकुर बताती हैं कि उन्होंने वर्ष 2009 से घर में ही केक और पेस्ट्री बनाने का व्यवसाय शुरू किया था। परंतु पैसों की कमी और फैमिली सपोर्ट ना होने के कारण वे कभी अपने व्यवसाय को विस्तार नहीं कर पाई। जब धीरे-धीरे लोगों को हमारा केक और अन्य उत्पाद अच्छा लगने लगा और उनका सहयोग हमंे मिलने लगा तो हमारा आत्मविश्वास बढ़ा। जब एक बैंक कस्टमर ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के बारे में बताया कि सरकार द्वारा लोगों को उनके स्वरोजगार को शुरू करने के लिए 10 से 25 लाख रूपयें तक का लोन उपलब्ध कराया जाता है। तब हमने 2020-21 में पंजाब नेशनल बैंक में अपना आवेदन प्रस्तुत किया। बैंक के कर्मचारियों का हमें अच्छा सपोर्ट मिला और 10 लाख रुपए मैन्युफैक्चरिंग का लोन प्राप्त हुआ। जिस पर हमें 25 प्रतिशत अर्थात 2 लाख 50 हजार रुपए का सब्सिडी भी प्राप्त हुआ।
इसके बाद हमने कोण्डागांव बस स्टैण्ड में एक स्टोर किराये पर लिया और कुछ आवश्यक मशीनरी भी ली। जैसे ही हमने अपना एसएस केक हाउस शुरू किया वैसे ही कोरोना महामारी के कारण पूरे देश और राज्य में लॉकडाउन लग गया। कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण स्टोर का रूम रेंट और स्टोर में कार्य करने वाले लोगों का वेतन भी निकालना मुश्किल हो गया था। उस दौरान मानसिक रूप से हमें थोड़ी परेशानी आयी, लेकिन हमने पूरी मेहनत और लगन से घर पर ही सरकार द्वारा बनाये गए कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए अपने कार्य को प्रारंभ रखा और लोगों का भी हमें अच्छा सपोर्ट मिला और कोरोना काल में भी हमारा व्यवसाय अच्छे से चल निकला। संध्या ठाकुर बताती हैं कि आज हमें अपना व्यवसाय शुरू किये लगभग 2 साल हो चुके हैं। हम यहां अभी 10 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं। हमारे द्वारा लिए गए लोन का आधे से ज्यादा पैसा बैंक में जमा कर दिया गया है। हमारा व्यवसाय अभी अच्छा चल रहा है। हमारा वार्षिक आय लगभग 5 लाख रुपए हो जाता है। अगले वर्ष तक हमारा लोन समाप्त हो जाने की हमें उम्मीद है। बैंक द्वारा हमारे व्यवहार को देखते हुए हमे आगे भविष्य में और अधिक राशि का लोन देने का ऑफर किया जा रहा है। एक बार लोन पूर्ण हो जाने के बाद हम दुबारा लोन लेकर अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ाना चाहते हैं। हम पूरी मेहनत और लगन के साथ कार्य कर रहे हैं। हमारा सपना है कि हमारा खुद का ब्रांड और स्वयं की दुकान हो इसके लिए हम रोजाना मेहनत कर रहे हैं। आज स्वयं का रोजगार होने से समाज में हमें पहचान मिल रही है। आज देश में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है, लोगों के पास नौकरियां नहीं हैं, ऐसे में स्वरोजगार एक अच्छा विकल्प है। लोगों के पास स्वरोजगार के बहुत से अच्छे-अच्छे आइडियाज होते हैं। लेकिन पैसों और आत्मविश्वास की कमी के कारण वे अपने आइडियाज को लागू नहीं कर पाते और उनका सपना कभी पूरा ही नहीं हो पाता। ऐसे लोगों के लिए पीएमईजीपी योजना बहुत ही महत्वपूर्ण है। वे इस योजना से लोन लेकर मेहनत और लगन के कार्य कर अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। और समाज एवं परिवार में सम्मान के पात्र बन सकते हैं। इस योजना से आज अपना बेकरी स्टोर खोलने का हमारा सपना पूरा है। इसके लिये मैं शासन-प्रशासन एवं बैंक प्रबंधन का स्रहृदय धन्यवाद देती हूं।