IPS Dipka में अंर्तविद्यालयीन क्रीड़ा स्पर्धा का हुआ रंगारंग समापन


विभिन्न विद्यालयों के खिलाड़ियों ने खो-खो, कबड्डी, दौड़ इत्यादि खेलों में दिखाई अपनी प्रतिभा एवं जीते मेडल ।
अतिथियों के हाथों सम्मानित होकर प्रसन्नचित हुए राष्ट्र के भावी कर्णधार ।
प्रमाण-पत्र एवं मेडल प्राप्त कर खिल उठे विद्यार्थियों के चेहरे ।

कोरबा, 9 दिसंबर । प्रगतिशील और आधुनिक बनने के दौड़ में हम अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं । खेल का महत्व जैसे हम भूलते जा रहे हैं । आज के बच्चे मोबाईल, लैपटाप और विडियो गेम्स में ही खेल खेलते हैं । स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि मेरे नवयुवक मित्रों बलवान बनो अर्थात हम खेलकूद के जरिए अपने शरीर को मजबूत बना सकते हैं । खेल खेलने से मनुष्य को संघर्ष करने की आदत लगती है । जीवन की जय-पराजय को आनंदपूर्ण ढंग से लेने की महत्वपूर्ण आदत खेल-खेलने से ही आती है । खेल हमारा भरपूर मनोरंजन करते हैं । खिलाड़ी हो या खेल प्रेमी दोनों को खेल का मैदान में एक अपूर्वा आनंद मिलता है । खेल से हममें अनुशासन, नेतृत्व व सहयोग की भावना का विकास होता है ।


इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में विगत 3 दिसंबर को विभिन्न निजी विद्यालयों के खिलाड़ियों ने विद्यालय के क्रीड़ाँगन में अपना दमखम दिखाया । अलग-अलग विद्यालयों से आए हुए खिलाड़ियों ने कबड्डी, खो-खो, 100 मीटर, 200 मीटर रेस तथा रिले रेस में अपना हुनर दिखाया । इस क्रीड़ा स्पर्धा मंे इंडस पब्लिक स्कूल दीपका, सेंट थामस पब्लिक स्कूल, कलचुरी पब्लिक स्कूल, दिव्या पब्लिक स्कूल, विश्वामित्र पब्लिक स्कूल, छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल, सेंट पीटर्स पब्लिक स्कूल, सर्वमंगला पब्लिक स्कूल, ईस्ट पाइंट पब्लिक स्कूल स्कूल, रामकृष्ण मिशन पब्लिक स्कूल, आर.एन. पब्लिक स्कूल, ज्ञान विज्ञान पब्लिक स्कूल सहित विभिन्न विद्यालयों ने शिरकत की ।


खेल तीन वर्गों में विभाजित किया गया था जिसमें प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक में आयोजन किया गया । सभी वर्गों के खिलाड़ियों ने खो-खो, कबड्डी, रेस, जलेबी दौड़, सेक रेस एवं स्पून रेस में अपनी-अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया । खेलों के प्रति उत्साह देखते बनता था । अलग-अलग विद्यालयों से आने वाले विद्यार्थी अपने-अपने खिलाड़ियों के पक्ष में लगातार उत्साहवर्धन हेतु करतल ध्वनि करते थे । प्रत्येक खेल बड़ा ही रोमांचक था । सभी खिलाड़ियों ने खेलों को शांतिपूर्वक खेलकर खेलभावना का परिचय दिया एवं एक-दूसरे को गले लगाकर अभिवादन किया । विद्यालय मे ंआयोजित इस ऊर्जामय खेल प्रतियोगिता के समापन समारोह एवं पुरस्कार वितरण में मुख्य अतिथि के रूप में श्री के.के. लहरे जी (तहसीलदार दीपका) विशेष रूप से उपस्थित थे साथ ही अन्य आमंत्रित अतिथियों के रूप में श्री अभिनवकांत सिंह जी (थाना प्रभारी दीपका) उपस्थित थे । जिनकी अध्यक्षता में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ । समापन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती उषा कुटार जी(प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दीपका) उपस्थित थी साथ ही श्री अक्षय कुमार दुबे जी(जिलाध्यक्ष अशासकीय विद्यालय प्रबंधक संघ कोरबा) उपस्थित थे । समापन समारोह एवं पुरस्कार वितरण में क्रीड़ा प्रतियोगिता में उपस्थित सभी विद्यालयों के सम्माननीय प्राचार्यगण भी उपस्थित थे । संपूर्ण कार्यक्रम श्री धरम तिवारी(अध्यक्ष अशासकीय विद्यालय प्रबंधक संघ एवं समस्त पदाधिकारी अशासकीय विद्यालय प्रबंधक संघ के सहयोग से संपन्न हुआ । विभिन्न खेलों में विजयी प्रतिभागियों को मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों के द्वारा प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया । मुख्य अतिथि श्री के.के. लहरे(तहसीलदार, दीपका) ने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन में खेलों का काफी ज्यादा महत्व है । यदि हमें आजीवन स्वस्थ रहना है यदि हमें अपने तन व मन को स्वस्थ व मजबूत बनाना है तो जीवन में खेलों को शामिल करना अनिवार्य है । जिस प्रकार स्वस्थ शरीर के लिए खाना-पीना आवश्यक है, उसी प्रकार शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जीवन में खेलों का भी अत्यन्त महत्व है । मनुष्य केवल यदि खाता-पीता ही रहे तो वह स्वस्थ नहीं रह सकता, अपितु उस खाए पिए को पचाने के लिए अच्छी भूख लगने के लिए और शरीर के रक्त संचार को उचित रखने के लिए व्यायाम करना अथवा खेलना अत्यंत आवश्यक है । खेलों से हममें नेतृत्व, अनुशासन, सहयोग व सहिष्णुता की भावना विकसित होती है । श्री अभिनवकांत(थाना प्रभारी दीपका) ने कहा कि जहाँ एक ओर खेलों से हमारा तन व मन स्वस्थ रहता है वहीं हम आजीवन स्वास्थ्य लाभ भी ले सकते हैं । हमें खेलों से निरोगी काया मिलती है । आज की परिस्थिति में हम खेलों से नाम, पैसा व पहचान आसानी से हासिल कर सकते हैं । यह में मानसिक व शारीरिक मजबूती प्रदान करता है ।


विद्यालय के प्राचार्य डाॅ. संजय गुप्ता ने कहा कि खेल हम सभी के लिए अत्यंत आवश्यक है । हम विभिन्न प्रकार के आउटडोर एवं इनडोर गेम्स के माध्यम से अपने तन व मन को स्वस्थ रख सकते हैं । यह हममें सहिष्णुता व नेतृत्व के साथ ही साथ सहयोग व अनुशासन की भावना का विकास करता है । इससे हम शारीरिक व मानसिक रूप से तंदरूस्त रहते हैं । शतरंज में जहाँ हम मानसिक रूप से मजबूत होते हैं वहीं खो-खो, कबड्डी, रेस, क्रिकेट, हाॅकी, फुटबाल इत्यादि हमें शारीरिक मजबूती प्रदान करते हैं । आज विभिन्न युवा खिलाड़ी हमारे देश के युवाओं के लिए आदर्श है । खेल प्रतियोगिता के आयोजनों से हम विद्यार्थियों में नैतिकता व समाजिकता का भी विकास कर सकते हैं । खेलों से विद्यार्थियों के मन में स्पर्धा, चुनौती, संघर्ष व समाधान की भावना विकसित होती है । वे समझते हैं कि जीत की राह आसान नहीं होती । प्रत्येक क्षेत्र में विजय होने के लिए परिश्रम, लगन व कर्मठता अति आवश्यक है ।