सीटेट की तैयारी के लिए ज्यादा से ज्यादा स्वाध्याय करने की जरूरत है। ऐसा करके आप इस बचे हुए समय में भी आसानी से इस प्रतियोगी परीक्षा को क्रैक कर सकते हैं। लेकिन ऐसा तभी संभव है, यदि आप परीक्षा समाप्त होने तक अपने सकारात्मक विचार के साथ ऐसा करेंगे। इसलिए घबराएं नहीं और यह सोच कर तैयारी करते रहें कि निश्चित रूप से इस वर्ष परीक्षा में सफल हो रहे हैं। साथ ही, नीचे बताए गए कुछ उपायों का भी अनुकरण करते रहें…
नई समय सारिणी बनाएं: इस बचे हुए समय में तैयारी के लिए फिर से अपनी एक समय सारिणी बनाएं। यह समय सारिणी आपकी सुविधानुसार होनी चाहिए। इसके लिए कोई भी समय निर्धारित कर सकते हैं, जो आपके लिए सुविधाजनक हो। लेकिन यह ध्यान रखें कि कम से कम हर दिन चार घंटे से आठ घंटे तक जरूर अपनी तैयारी को दीजिए। इसके बाद दूसरे चरण में अध्ययन शुरू करने से पहले दिन में कम से कम एक बार पाठ्यक्रम को पढ़ें और अध्ययन के दौरान इसे हमेशा अपने पास रखें। तैयारी के इस क्रम में उन आसान विषयों का चयन करें, जिसमें अच्छा स्कोर किया जा सकता है। जब इन विषयों की तैयारी करें, तो साथ में कीवर्ड के संक्षिप्त नोट्स भी बनाते रहें। फिर धीरे-धीरे उस विषय के कठिन अध्याय को हल करें।
पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों से प्रैक्टिस : इस दौरान पिछले वर्ष के प्रश्नों को हल करने का प्रयास भी करते रहें और सुनिश्चित करें कि हल किए गए विषयों से आप कितने प्रश्न हल करने में सक्षम हैं। साथ ही, उन विषयों पर अधिक ध्यान दें, जो आपके लिए कठिन हैं। कीवर्ड्स के छोटे नोट्स बनाना न भूलें। इससे अंतिम दिनों में रिवीजन करने में और विषयों को याद करने में मदद मिलेगी। एक बार जब पाठ्यक्रम के अनुसार विषयों को कंपलीट कर लें, तो इसके बाद तैयार विषय का माक टेस्ट दें।
प्रश्नपत्र एक के महत्वपूर्ण विषय: पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों के विश्लेषण में यह सामने आया है कि बाल विकास और शिक्षाशास्त्र के तहत सिद्धांत से पांच प्रश्न, एनसीएफ और लिंग आधारित दो प्रश्न, शिक्षाशास्त्र सीखना से तीन प्रश्न, वैचारिक व व्यावहारिक प्रकार से चार प्रश्न, आरटीई और बच्चों के प्रकार से तीन प्रश्न तथा अन्य से पांच से आठ प्रश्न तक पूछे गए हैं।
गणित: इस विषय से मिश्रण अनुपात से तीन प्रश्न, संख्या व संख्या प्रणाली से तीन प्रश्न, क्षेत्रमिति से तीन प्रश्न, समय गणना से दो प्रश्न, आय और व्यय से दो प्रश्न, सरलीकरण से दो प्रश्न, शिक्षाशास्त्र से 15 प्रश्न आए हैं।
ईवीएस: इस सेक्शन से परिवार और दोस्त (रिश्ता, काम-खेल, पौधा, पशु) से पांच प्रश्न, भोजन से तीन प्रश्न, आश्रय से एक प्रश्न, पानी से दो प्रश्न, यात्रा से एक प्रश्न, चीज़ें जो हम बनाते और करते हैं, से तीन प्रश्न तथा शिक्षाशास्त्र से 15 प्रश्न आते हैं। लेकिन यहां यह ध्यान रखें कि ईवीएस के शैक्षणिक प्रश्न को हल करने के लिए हमेशा शिक्षण की बाल केंद्रित (प्रायोगिक विधि और आगमनात्मक विधि) तकनीक को चुनने का प्रयास करें।
हिंदी : प्रश्नपत्र में इस विषय के तहत पिछले वर्षों में गद्यांश से पांच प्रश्न, पद्यांश से पांच प्रश्न, व्याकरण से पांच प्रश्न, अभ्यासशास्त्र से 15 प्रश्न पूछे गए हैं। इस विषय के लिए उम्मीदवारों को मेरी एक सलाह है कि हिंदी या अंग्रेजी के शैक्षणिक प्रश्नों को हल करने के लिए हमेशा शिक्षण की तकनीक (चर्चा पद्धति) चुनने का प्रयास करें।
अंग्रेज़ी : इस विषय में पैसेज से 10 प्रश्न, व्याकरण से पांच प्रश्न, शिक्षाशास्त्र से 15 प्रश्न पूछे गए हैं।
परीक्षा के दौरान प्रश्नों को कैसे हल करें : इस परीक्षा में तीन तरह (आसान, उन्मूलन आधारित व मुश्किल) के प्रश्न पूछे जाते हैं। इस तरह के प्रश्नों की पहचान कैसे की जाए, आइये इसे एक उदाहरण के द्वारा समझते हैं। जैसे-विकास कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है ‘यह विचार है’। इसे आसान प्रकार का प्रश्न कह सकते हैं। इसी तरह निम्नलिखित में से कौन-सा/से समस्या समाधान की तकनीक नहीं है/हैं को उन्मूलन आधारित प्रश्न कह सकते हैं। संस्कृति और प्रशिक्षण एक ऐसी तकनीक नहीं है जो सीखने का एक हिस्सा है, इसलिए इसे दिए गए विकल्पों में से समाप्त किया जा सकता है। इस प्रश्न को आप मुश्किल प्रश्न कह सकते हैं।
कठिन प्रश्नों को हल करने का तरीका : इस तरह के प्रश्नों को सकारात्मक तरीके से हल करने की कोशिश करें। शिक्षा को हमेशा छात्र पर केंद्रित रखें और एक छात्र की तरह सोचें। आइये इसे इस तरह समझते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक छात्र हैं, तो आपके लिए और आपकी समझ के लिए कौन-सा विकल्प उपयुक्त है। आमतौर पर ऐसे प्रश्नों को कठिन प्रश्न की श्रेणी में गिना जाता है, क्योंकि इनके विकल्प बहुत गूढ अर्थ वाले होते हैं और आपस में दिखने में भी ये एक जैसे लगते हैं। इसलिए इस तरह के प्रश्नों का उत्तर यदि बहुत ठंडे दिमाग के साथ तलाशेंगे, तभी सही जवाब दे पाएंगे।
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