स्कूली छात्राओं को दी महिला अधिकारों की जानकारी

बेमेतरा। कलेक्टर जितेन्द्र कुमार शुक्ला के निर्देशानुसार एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के मार्गदर्शन से सखी वन स्टॉप सेंटर बेमेतरा द्वारा महिला हिंसा को समाप्त करने के उद्देश्य से मंगलवार को आंगनबाड़ी केन्द्र वार्ड नम्बर-13 सिंघौरी, शा.पूर्व माध्यमिक कन्या शाला बेमेतरा, शा.उ.माध्यमिक कन्या शाला बेमेतरा में महिला केन्द्रित मुद्दे एवं अधिकार विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में संरक्षण अधिकारी नवा बिहान यशोदा साहू ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के युग में अगर देखा जाये तो महिलायें घरेलू हिंसा से ज्यादा प्रताड़ित है। घरेलू हिंसा (वैवाहिक दुर्व्यवहार, घरेलू मारपीट, पारिवारिक हिंसा या दहेज के लिए प्रताड़ित करना) आदि होता है। घरेलू दायरे में हिंसा को घरेलू हिंसा कहा जाता है। किसी महिला का शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, मैखिक, किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाना जिसके साथ महिला के पारिवारिक सम्बन्ध है, घरेलू हिंसा में शामिल है। इससे बचने एवं न्याय के उपाय बताते हुए कहा कि घरेलू हिंसा की सूचना कोई भी व्यक्ति संरक्षण अधिकारी मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही शुरू करने और एक सुरक्षित आश्रय या चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने आवेदन कर सकते है। इसके लिए प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा अपने राज्य में संरक्षण अधिकारी नियुक्त किया जाता है।

सखी वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक राखी यादव ने बताया कि सखी वन स्टॉप सेंटर योजना भारत सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2015 को हिंसा प्रभावित महिलाओं का समर्थन करने के लिए लागू की थी। सखी वन स्टॉप सेंटर का मतलब है एक ऐसी व्यवस्था जहां हिंसा से पीड़ित कोई भी महिला मदद ले सकती है।

परामर्शदाता लक्ष्मी वर्मा ने कहा कि महिलाएं अपने या अपने परिवार के सदस्यों द्वारा होने वाले उत्पीड़न से बचने एवं न्याय के लिए परामर्शदाता से मिलकर बात कर सकते है जिसे गोपनीय रखा जाता है। केस वर्कर रामेश्वरी साहू ने महिला हेल्प लाईन नम्बर 181, सखी वन स्टॉप सेंटर में दिलाये जाने वाले निःशुल्क सहायता एवं विधिक सहायता के बारे में जानकारी दी।

बाल संरक्षण इकाई की जिला बाल संरक्षण अधिकारी व्योम श्रीवास्तव एवं परामर्शदाता शाइस्ता परवीन ने कहा कि समेकित बाल संरक्षण योजना देखरेख और संरक्षण के जरूरतमंद बच्चों और विधि का उल्लंघन करने वाले किशोरों पर अपने कार्यकलापों को संकेद्रित करती है साथ ही उनके द्वारा बाल विवाह, पॉक्सो एक्ट के बारे में भी जानकारी दिया गया। यह योजना अन्य असुरक्षित बच्चों को रोकथामकारी और देखरेख एवं पुनर्वास सेवाएं प्रदान करती है।

चाइल्ड लाइन की टीम मेम्बर विभूति नाविक एवं प्रवेश नेताम ने बताया कि 0 से 18 वर्ष से नीचे नाबालिक बच्चों के लिए चाइल्ड लाइन 24 घंटे चलने वाली मुफ्त, आपातकालीन राष्ट्रीय फोन सेवा चाइल्ड हेल्प लाइन नम्बर 1098 है। यह उन बच्चों के लिए जिन्हे देखभाल और सुरक्षा की जरूरत है। राज्य सरकारों, गैर-संस्कारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय एजेंसियों तथा कॉरपोरेट सेक्टर के साथ भागीदारी में यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालाय की परियोजना है। कार्यक्रम में स्कूल के प्राचार्य एवं प्रचार्या सहित समस्त स्टॉफ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं छात्राएं उपस्थित थे।