बिलासपुर। मस्तूरी क्षेत्र के इटवा पाली से चोरी गए भंवर गणेश की मूर्ति को बेचने के फिराक में युवक ग्राहक तलाश रहे थे। इसकी सूचना पर एसीसीयू के प्रभारी और उनकी टीम ग्राहक बनकर पहुंच गई। पचास हजार स्र्पये के नीचे चूरन वाला नोट लेकर एसीसीयू के प्रभारी ने मूर्ति को देखने के लिए मंगाया। दो युवक मूर्ति का एक टुकड़ा लेकर जैसे ही उनके पास पहुंचे जवानों ने उन्हें दबोच लिया। पुलिस ने खंडित मूर्ति को जब्त कर लिया है। एसपी पास्र्ल माथुर ने बताया कि 25 अगस्त की रात चोरों ने मस्तूरी क्षेत्र के इटवा पाली से भंवर गणेश की प्राचीन मूर्ति पार कर दी। बताया जाता है। यह मूर्ति 16वीं शताब्दी का है। मूर्ति चोरी की जानकारी होने पर गांव में हड़कंप मच गया। सूचना पर एसपी पास्र्ल माथुर समेत पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। साथ ही एसीसीयू प्रभारी हरविंदर सिंह भी अपनी टीम के साथ मामले की जांच कर रहे थे। मामला संवेदनशील होने के कारण पुलिस की टीम लगातार गांव में दौरा कर रही थी। वहीं, एसीसीयू की टीम आसपास के गांव में लोगों के संपर्क में थी।
इसी बीच एसीसीयू को पता चला कि मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम चौहा निवासी युवराज टंडन(20) मूर्ति को चार करोड़ स्र्पये में बेचने के लिए ग्राहक तलाश रहा है। एसीसीयू के निरीक्षक हरविंदर सिंह व आरक्षक गोविंद शर्मा व्यापारी बनकर युवक से संपर्क किया। उन्होंने खुद को यूपी के कन्न्ौज में रहने वाला बताया। उन्होंने 50 लाख स्र्पये एडवांस देने की बात कहते हुए मूर्ति को देखने के लिए मंगाया। शनिवार की रात ग्राम चौहा में युवराज उनसे मिला। पुलिस ने उन्हें स्र्पये दिखाते हुए मूर्ति मंगाई। युवक ने अपने साथी मोहताब सुमन(25) को फोन कर मूर्ति का टुकड़ा मंगाया। युवक जैसे की मूर्ति को लेकर आया आसपास छुपे जवानों ने उसे दबोच लिया। पूछताछ में उन्होंने अपने साथियों सुमीर राय(20) निवासी चौहा, निशांत घृतलहरे(20) निवासी चकरबेढ़ा और अतुल भार्गव(25) निवासी टिकारी के साथ चोरी करना स्वीकार कर लिया। पुलिस ने आरोपित को उनके ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, अतुल पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब हो गया। उसकी तलाश की जा रही है।
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