कोण्डागांव। दिव्यांगता एक शारीरिक अवस्था है जिसका प्रतिभा पर प्रभाव नहीं पड़ता है। दिव्यांगजनों में हौसले और प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उन्हें हमारे साथ की जरूरत सहित उनके मनोबल बढ़ाने की आवश्यकता है। जिससे दिव्यांगजन अपने हौसलों को उड़ान दे सकें। राज्य सरकार दिव्यांगजनों को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है और इस दिशा में हरसंभव प्रयास किये जा रहे है। यह बात जनपद पंचायत अध्यक्ष कोण्डागांव शिवलाल मंडावी ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर कोण्डागांव में आयोजित जिला स्तरीय दिव्यांग खेलकूद व सांस्कृतिक प्रतियोगिता में दिव्यांगजनों को दिव्यांग दिवस की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कही। इस मौके पर दिव्यांग बच्चों ने खेलकूद व सांस्कृतिक प्रतियोगिता में अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन कर उपस्थित लोगों को आश्र्चय चकित कर दिया। इस दौरान स्पर्धा में विजयी प्रतिभागियों एवं दलों को पुरस्कृत करने सहित अन्य प्रतिभागियों को विशेष पुरस्कार प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
इस अवसर पर कलेक्टर दीपक सोनी ने दिव्यांग छात्र-छात्राओं की हौसला-अफजाई करते हुए कहा कि यहां दिव्यांग बच्चों ने खेलकूद तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में पूरे उत्साह के साथ भाग लेकर उम्दा प्रदर्शन किया, जो सामान्य बच्चों के लिए भी प्रेरणास्पद है। उन्होने कहा कि जिले में दिव्यांग बच्चों को चिन्हाकन करने सहित उन्हे आवश्यक सहायक उपकरण और समुचित उपचार सुविधा मुहैया कराया जा रहा है। जरूरत के अनुरूप उन्हे उच्च चिकित्सा संस्थानों में ऑपरेशन तथा उपचार के लिए भी पूरी मदद् दी जा रही है। इस दिशा में जिला प्रशासन इन दिव्यांग बच्चों के साथ अभिभावक की भूमिका अदा कर रही है। कलेक्टर सोनी ने जिले में चिन्हीत 1602 दिव्यांग बच्चों को आगामी 31 जनवरी तक आवश्यक सहायक उपकरण और समुचित उपचार प्रदान किये जाने और जरूरतमंद दिव्यांग बच्चों की शल्य चिकित्सा व उपचार सुनिश्चित करने भरोसा दिलाया। वहीं इस ओर शिक्षक-शिक्षिकाओं तथा अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ समन्वित पहल करने कहा।
इस दौरान जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा अभियान महेन्द्र पांडे ने प्रतिवेदन में अवगत कराया कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शारीरिक, बौद्धिक एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता के अंतर्गत 50 मीटर दौड़, 100 मीटर दौड़, कुर्सी दौड़, जलेबी दौड़, गोला फेंक सहित रंगोली व चित्रकला स्पर्धा और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होने समग्र शिक्षा अभियान के घटक समावेशी शिक्षा के अंतर्गत 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में किये जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी।
इस मौके पर अतिथियों ने छत्तीसगढ़ महतारी एवं माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर प्रतियोगिता का विधिवत शुभारंभ किया। इसके साथ ही हायर सेकण्डरी स्कूल महात्मा गांधी वार्ड की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया। वहीं कस्तूरबा गांधी कन्या आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने आकर्षक लोक नृत्य की प्रस्तुत दी। इस दौरान अतिथियों तथा दिव्यांग बच्चों को बैज लगाकर आत्मीय स्वागत किया गया। इस मौके पर माकड़ी की दिव्यांग बच्ची भवनिधि मरकाम ने प्रेरक गीत प्रस्तुत कर उपस्थित जनों को भाव-विभोर कर दिया। वहीं कोण्डागांव के यशवंत सागर ने तबला वादन तथा फरसगांव के अयांश बदेशा ने पियानो वादन कर अपनी अनोखी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इसके साथ ही बड़ेराजपुर के पिकेश्वर मरकाम एवं शिवन्ती मरकाम ने छत्तीसगढ़ी गीत की मधुर प्रस्तुति दी। इस दौरान विशेष आवश्यकता वाले गंगोत्री, अजीत, चन्दन, राधा नाग, अशवन, श्रीधर आदि बच्चों को व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र, ब्रेललिपि किट ईत्यादि सहायक उपकरण प्रदान किया गया। इस अवसर पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सहित एसडीएम चित्रकांत ठाकुर और स्कूल शिक्षा व समाज कल्याण विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षक-शिक्षिकाएं तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और स्कूली छात्र-छात्राएं मौजूद थे।