वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडे,03 दिसम्बर।छत्तीसगढ़ में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया को ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। ईडी ने उन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड में ले लिया है।कोर्ट में क्या कहा सौम्या ने…..?कोर्ट में सौम्या चौरसिया ने एडीजे अजय सिंह राजपूत से कहा कि ईडी के अधिकारी मुझे जमीनों के मामलों को लेकर आरोपी बना रहे हैं जबकि संबंधित जमीनें मेरी मां और अन्य परिजनों के नाम पर हैं।
जमीनों का डायवर्जन होने से उनकी कीमतें बढ़ गईं हैं। ईडी के वकील सौरभ कुमार ने कोर्ट को बताया कि कोल सिंडिकेट के जरिए धन की व्यापक उगाही की गई है। इसका विस्तृत ब्यौरा कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की डायरी में मिलता है। इस डायरी में जब-जब रकम को लेकर एंट्री की गई तब-तब ये पाया गया है कि जमीनों और अन्य अचल संपत्ति में निवेश किया गया है। यहाँ यह भी बताना जरुरी है कि पहले अक्तूबर महीने में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने रायपुर के सयाजी होटल में डेरा जमाया था। होटल को ही अपना कैंप ऑफिस बना लिया था। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कार्रवाई के बीच माइनिंग डायरेक्टर जेपी मौर्य को कैंप ऑफिस ले जाया गया था।रायगढ़ की कलेक्टर रानू साहू से भी पूछताछ की गईं है।इसके बाद चिप्स (छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी) के सीईओ समीर विश्नोई और उनकी पत्नी को भी पूछताछ के लिए बुलाया था। यह भी बताया गया था कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओएसडी सौम्या चौरसिया से भी करीब 7-8बार पूछताछ की गई थी।वहीं ईडी द्वारा पूर्व की कार्रवाई में एकआईएएस अफसर समीर विश्नोई के घर से चार करोड़ कैश, सोना और करोड़ों की ज्वैलरी बरामद की थी। ईडी के टारगेट में कोयला और रेत का कारोबार करने वाले लोग ज्यादा हैं। सौम्या की गिरफ्तारी पर अभी तक ईडी ने प्रेस रिलीज जारी नहीं किया है। वैसे इस गिरफ्तारी से अब सियासत का माहौल और गर्म होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व में ही आरोप लगाया था कि राजनीतिक साजिशों को अंजाम देने के लिए ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है।जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा,वैसे वैसे ईडी यहां डराने के लिए आती रहेगी। अभी हाल ही में सीएम भूपेश ने ईडी के पूछताछ के तरीके पर भी आरोप लगाया था और कहा था अमानवीय कृत्य बर्दाश्त नहीं किए जायेंगे। जरूरत पड़ी तो ईडी पर वैधानिक पुलिसिया कार्रवाई की जाएगी।
अभिताभ के बतौर सीएस 2 साल पूरे…
छत्तीसगढ़ मूल के वरिष्ठ आईएएस अफसर अमिताभ जैन राज्य के नए मुख्य सचिव के रूप में 2साल पहले काम सम्हाला था। वे छग मूल के चौथे आईएएस हैं, जो मुख्य सचिव हैं । इससे पहले विवेक ढांढ, अजय सिंह और मंडल मुख्य सचिव बने थे । जैन का मुख्य सचिव का कार्यकाल तकरीबन पांच साल का हो सकता है। वे जून 2025 में रिटायर होंगे।
जैन, भूपेश सरकार की पहली पसंद के तौर पर इसलिए भी सामने हैं क्योंकि उनमें काम के प्रति लगन काफी अच्छी है। इसके अलावा सौम्य स्वभाव होने के कारण वे सभी को स्वीकार्य हैं। उनका 2साल का कार्यकाल सरकार से अच्छे तालमेल के चलते ठीक ठाक कहा जा सकता है।छग में 89 बैच के आईएएस अमिताभ जैन का नंबर वरिष्ठता में सबसे उपर आता है वे अपने बैच के अकेले अफसर हैं । उनके बाद 90 बैच का कोई आईएएस छग में नहीं है। 91 बैच की आईएएस रेणु जी पिल्ले हैं तो 92 बैच के है सुब्रत साहू….,अभी दोनों ही एडीशनल चीफ सेक्रेटरी है। वहीं इनके बाद 93 बैच के आईएएस अमित अग्रवाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में है। इसके बाद प्रमुख सचिव 94 बैच की रिचा शर्मा, निधी छिब्बर, विकासशील और मनोज पिंगुआ हैं जिनमें मनोज पिंगुआ को छोड़कर बाकी तीन को केंद्र सरकार ने एडीशनल सेक्रेटरी इम्पेनल किया है, वैसे अमिताभ और रेणु पिल्ले केंद्र में एडीशनल सेक्रेटरी इम्पेनल पहले ही हो चुके हैं वहीं अमित अग्रवाल एडीशनल सेक्रेटरी के तौर पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। खैर 94 के बाद 95 बैच की मनिंदर कौर, गौरव द्विवेदी है इसके बाद 97 बैच की निहारिका बारिक हैं। 98 बैच के सुबोध कुमार सिंह हैं तो 99 बैच के सोनमणी वोरा का नंबर आता है। इसके बाद 2001 बैच की शहला निगार, 2002 बैच के डॉ. कमलप्रीतसिंह एवं डॉ. रोहित यादव हैं। 2003 बैच की ऋतु सेन, सिद्धार्थ कोमल परदेशी, 2004 बैच की पी. संगीता, आर. प्रसन्ना, अमित कटारिया, अवलंगन पी, अलरमेल मंगई डी का नंबर आता है। बहरहाल अमिताभ मुख्य सचिव का कार्यकाल 2025 तक रहेगा वैसे अभी तक साढ़े 4 साल करीब मुख्य सचिव रहकर विवेक ढांड ने रिकार्ड बनाया है। जैसे सरकार से अच्छा तालमेल है, अच्छी छवि है उससे लगता नही है कि अभिताभ को फिलहाल डिस्टर्ब किया जाएगा…
अतिरिक्त सचिव और प्रमुख सचिव की कमी…..
छ्ग में कुल 168 आईएएस में 22 अफसर तो प्रतिनियुक्ति में हैं? हालात यह हैं कि मुख्य सचिव के बाद केवल 2 अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं वहीं केवल 1 प्रमुख सचिव के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।वरिष्ठ आईएएस अमित अग्रवाल, ऋचा शर्मा,निधि छिब्बर, विकासशील,मनिंदर कौर द्विवेदी, गौरव द्विवेदी,सुबोध सिंह और सोनमनी बोरा प्रतिनियुक्ति पर हैं तो निहारिका बारिक अवकाश पर हैं।ये सभी 1993 से 1998 बैच के हैं। जाहिर है कि वरिष्ठ आईएएस की कमी के चलते कामकाज प्रभावित हो रहा है, सरकार अब कुछ जूनियर के पदोन्नति का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है।
बेनीमाधव तिवारी और सड़क का नामकरण..
बेनीमाधव तिवारी के नाम पर रायपुर की एक सड़क का नामकरण करना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे साधुवाद के पात्र हैं। पं. बेनीमाधव तिवारी ने बाल्यावस्था में आजादी के आंदोलन में योगदान दिया था ।
लेकिन देश की स्वतंत्रता के बाद काम की तलाश वे घर से निकल पड़े और लभेदी (इटावा)से नागपुर आ गए और पं. रविशंकर शुक्ल परिवार से जुड़ गए। पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के साथ सन् 1951 से जो रिश्ता कायम हुआ, तो वह जीवनपर्यंंत बना रहा। शुक्ल के बेहद करीबी लोगों में एक होने के कारण एक समय उनका भी जलवा था.. उसके बावजूद उन्होंने कभी भी अपनी राजनीतिक पहुँच का दुरुपयोग नहीं किया पर जब कभी किसी को जरूरत पड़ी तो उसकी सहायता के लिए वे हमेशा आगे रहे। पं. तिवारी जैसे लोग अब दुर्लभ हैं।पं. तिवारी का पत्रकारिता से भी जुड़ाव रहा। रायपुर में अँग्रेजी समाचार पत्र ‘द हितवाद’ को शुरु करने का श्रेय इन्हीं को जाता है। वे लम्बे समय तक हितवाद के प्रकाशक रहे। पं. तिवारी, विद्या भैया के सच्चे सलाहकार के रूप में जाने जाते रहे। लोग जानते हैं कि अनेक मौकों पर उन्होंने विद्या भईया के गलत निर्णयों का प्रतिवाद भी किया। यह और बात है कि जब विद्या भैया के इर्द-गिर्द अलग किस्म के लोगों का घेरा बढऩे लगा तो पं. तिवारी धीरे-धीरे दूर होते गए लेकिन शुक्ल पारिवारिक से आत्मीयता बनी रही। वे दिल से कभी अलग नहीं हुए और अंतिम सांस तक विद्या भैया और उनके परिवार के प्रति सद्भावना बनाए रखी। पं. तिवारी ने कृषि कार्यों का अवलोकन करने जापान की यात्रा भी की। वहाँ वे तीन माह रहे,वहाँ की कृषि तकनीक का अध्ययन करके लौटे तो अनेक किसानों को उसका लाभ भी मिला। पं. तिवारी ने चालीस साल पहले अनेक देशों की हवाई यात्राएँ की। उस वक्त बहुत कम लोग ही हवाई यात्रा करते थे। यह वह दौर था जब राजनीति के केंद्र विद्या भईया हुआ करते थे और उनके सलाहकार हुआ करते पं. बेनीमाधव तिवारी। विद्या भैया इनके भरोसे राजनीति में निश्चिंत हो कर सक्रिय रहते और पं. तिवारी उनके भरोसे को बरकरार रखते हुए क्षेत्र के लोगों की भलाई में लगे रहते थे।ज़ब विद्या भैया के करीब कुछ लोग जुड़े तभी से भईया की आम लोगों से दूर होने की शुरुआत हुई..? बड़े नेताओं के इर्दगिर्द मंडराने वाले अनेक छुटभैये लोग मालामाल हो गये… , लाल हो गये…, लेकिन पं. तिवारी हमेशा सामान्य जीवन जीते रहे। न धन कमाया, न कभी दंभ दिखाया। मेहनत और ईमानदारी से परिवार का भरण-पोषण करके बच्चों को लायक बना दिया। वे कभी सक्रिय राजनीति में नहीं गए न बेटों को उस ओर जाने दिया।उनके एक बेटे रवि तिवारी सामाजिक कार्यों में लगे हैं पर राजनीति से दूरी बनाए हुए हैं।बेनी माधव राजनीति में सक्रिय नहीं रहे लेकिन कांग्रेस के प्रति गहरा लगाव था।
पति-पत्नी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल…
राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा में अलग अलग ही सही पर छ्ग के पति-पत्नी शामिल हुए हैं संभवत:वे पहले कॉंग्रेसी दम्पति होंगे जो भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए होंगे।विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास मंहत भी भी भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिलाते नजर आए।
यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने उनसे विस्तार से चर्चा की। इस दौरान राहुल गांधी डॉ महंत का हाथ पकड़ यात्रा करते भी नजर आए। इस यात्रा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल , मंत्री ताम्रध्वज साहू , मंत्री टीएस सिंहदेव सहित अन्य नेताओं की भी उपस्थिति रही।यहाँ यह बताना भी जरुरी है कि डॉ. महंत की पत्नी तथा कोरबा की लोस सदस्य ज्योत्सना महंत भी पहले भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हो चुकी हैँ।
और अब बस….
0आरक्षण संशोधन विधेयक छग विधानसभा में पारित हो गया है।76%आरक्षण का प्रस्ताव राज्यपाल को सबसे पहले भेजा जाएगा।
0छत्तीसगढ़ कॉडर के 2आईपीएस अफसरों को मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स ने केंद्र में आईजी इम्पैनल किया है। ये 2आईपीएस अफसर हैं पी सुंदरराज, ओ पी पाल । केंद्र में इम्पैनल का मतलब है यदि ये अफसर प्रतिनियुक्ति में केंद्र में जाते हैं तो इनकी नियुक्ति आईजी के पद पर होगी।
0भानुप्रतापपुर विस उप चुनाव में हालांकि भाजपा ने सांसदों, विधायकों को झोंक दिया है पर माहौल नहीं बन पा रहा है।
0कॉंग्रेस के बस्तर के सभी विधायक सावित्री मंडावी को जिताने सक्रिय हो गये हैं।
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