अगहन का आखिरी गुरुवार, मां लक्ष्मी को चढ़ाए विशेष भोग

बिलासपुर, 02 दिसम्बर। मार्गशीर्ष (अगहन) का आखिरी गुरुवार इस साल आठ दिसंबर को पड़ेगा। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा का विधान है। पूजन के पश्चात पूरन पोली का विशेष भोग चढ़ाया जाता है। संस्कारधानी में इस दिन का सभी को खास इंतजार रहता है। घरों में वैसे तो कई प्रकार के भोग प्रसाद बनाए जाते हैं लेकिन पूरन पोली का खास महत्व है। महाराष्ट्रीयन परिवारों में इसे बनाने का तरीका भी अलग है।

सुख समृद्धि और धन की देवी मां लक्ष्मी को पीला और सफेद रंग से बना हुआ व्यंजन काफी पसंद है। मां लक्ष्मी की पूजा में खीर या फिर सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाया जाता है। खासकर गुरुवार को व्रत में भक्तों को भोग में खीर एवं पूरन पोली का प्रसाद चढ़ाया जाता है। जिसे पूजा के बाद प्रसाद के रूप में पूरा परिवार को एक साथ शाम को बैठकर ग्रहण करते हैं।

राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी पंडित रमेश तिवारी की मानें तो ऐसा करने से मां लक्ष्मी की पूरे परिवार पर विशेष कृपा रहती है। मां लक्ष्मी के अलावा चतुर्थी पर भगवान गणेश को भी पूरन पोली का भोग लगाया जाता है। अगहन में हर गुरुवार अलग-अलग व्यजनों से भोग लगाया जाता हैं। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी को पूरन पोली विशेष रूप से पसंद है।

सिरगिट्टी निवासी गृहणी एस लोधी का कहना ह कि पूरन पोली का भोग बनाने के लिए सबसे पहले एक कम चने की दाल, तीन कप पानी, एक कप चीनी, एक छोट चम्मच इलाचयी पाउडर, एक छोटा चम्मच (कद्दूकस किया) जायफल लेना होगा। इसके बाद दो कप मैदा, एक छोट चम्मच नमक, बड़े चम्मचघी और जरूरत के अनुसार पानी लेना होता है। फिर सबसे पहले एक कुकर में पानी और चने की दाल को डालकर तीन सीटी बजने तक पकाना होगा। इसे निकालकर मिक्सी में दरदरा पीस लें। एक पैन में दाल और चीनी डालकर अच्छी तरह से मिला लें और धीमीं आंच पर पकाएं। फिर इस मिश्रण में इलायची पाउडर,जायफल को मिक्स कर ठंडा करें। अब एक बड़े बाउल में मैदा,नमक, घी और पानी मिलाकर आटा गूंथ लें। रोटी की तरह गोल बेल लें। इसमें दाल वाला मिश्रण भरकर रोटी बेलें। तवे को गर्म करके पूरन पोली को उसपर डालें और दोनों तरफ से घी लगाकर गोल्डन ब्राउन तलें। फिर मां लक्ष्मी को प्रसाद के रूप में चढ़ाएं।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]