KORBA : सिटी बसों के जल्द सड़क पर लौटने की उम्मीद चौथे टेंडर में दो फर्म ने दिखाई दिलचस्पी

कोरबा,1 दिसंबर। विगत 2 साल से गायब सिटी बसें जल्द ही सड़कों पर लौट सकती है ।लोगों की मांग को देखते हुए निगम प्रशासन सिटी बसों के जल्द से जल्द परिचालन की कवायद में जुटा हुआ है। तीन टेंडर के बाद भी प्रक्रिया लटकी रही ।अब चौथे टेंडर में दो फर्मों के दिलचस्पी दिखाए जाने के बाद जल्द ही सिटी बसों के संचालन की उम्मीद जगी है ।सब ठीक रहा तो फरवरी तक सिटी बसें सड़कों पर चलती दिखाई देंगी।


टेंडर लगभग फाइनल हो चुका है, सिर्फ सोसाइटी की आखिरी मुहर लगानी ही शेष रह गई है। मुहर लगने के बाद कागजी प्रक्रिया से लेकर वाहनों के मेंटनेंस में एक से दो महीने का समय लग सकता है।मार्च 2020 से बंद पड़ी 40 नॉनएसी व आठ एसी सिटी बसों को शुरु करने के लिए शहर सहित उपनगरीय क्षेत्र के लोग इंतजार कर रहे हैं। कई बार अलग-अलग संगठनों व छात्र संघ द्वारा प्रशासन से बसों को शुरु करने की मांग की जा चुकी है। इससे पहले अब तक कोरबा अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट सोसाइटी द्वारा चार बार निविदा जारी की जा चुकी है। चौथी निविदा में दो फर्म के रूचि लेने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई है। इसमें से जिस फर्म द्वारा कम दर पर टेंडर भरा गया है। उसे बसों के ऑपरेटिंग का जिम्मा दिया जाएगा। सोसाइटी की बैठक इसी हफ्ते होने की उम्मीद है। बैठक में सहमति बनने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरु की जाएगी। कागजी प्रक्रिया में एक से डेढ़ महीने का समय लग सकता है।2015 में जब सिटी बसों की शुरुआत हुई थी तो निजी ऑपरेटरों और सिटी बस के स्टॉफ के बीच विवाद की स्थिति बनी थी। दरअसल नए बस स्टैंड में बस खड़ी करने को लेकर हर बार दोनों के बीच टकराव की स्थिति होती है। वर्तमान में दिनभर बसों से स्टैंड भरा होता है। ऐसे में इसे लेकर विवाद की स्थिति फिर बन सकती है। इसेे लेकर निगम को तैयारी शुरु करनी पड़ेगी।पूर्व में जिस दर में सिटी बसों का संचालन होता था उस दर में राज्य शासन द्वारा इजाफा किया जा चुका है। यात्रियों को नए दर के हिसाब से किराया देना होगा। हालांकि निजी बसों की तुलना में किराया कम होगा। ऑटो और निजी बस ऑपरेटरों के मनमाने दर से यात्री पहले से ही परेशान हैं।

मरम्मत के बाद 11 रूट में परिचालन
11 रूट में कई रूट ऐसे हैं जिसमें यात्रियों की मांग अधिक है। इसमें कोरबा-चांपा-कटघोरा, बालको से कोरबा, जमनीपाली से कोरबा रेलवे स्टेशन मार्ग पर बसों का संचालन पहले शुरु होगा। इसके बाद अन्य मार्गों में बसों का दौड़ाया जाएगा। कई मार्गों को बदला भी जा सकता है।ऑपरेटर को सबसे पहले बसों को मेंटनेंस करना होगा। बीते दो साल से बसें डिपो में खड़ी हुई है। बसें खराब हो चुकी है। 48 बसों के मेटनेंस में कम से कम एक महीने का समय लग सकता है। बताया जा रहा है कि पहले नॉन एसी बसों को शुरु करवाया जाएगा। फिर नॉनएसी बसों को रूटों पर चलाया जा सकता है।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]