रायपुर 29 नवंबर । भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने प्रदेश के पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा 25 नवंबर को कांकेर पुलिस को नोटिस भेजा जाता है कि कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम द्वारा नाबालिग ‘पीड़िता का नाम उजागर’ करने के अपराध में 3 दिनों के भीतर कार्रवाई कर आयोग को सूचना दें, लेकिन कांकेर पुलिस सो रही है। कांकेर पुलिस कांग्रेस के साथ मिलकर मोहन मरकाम को बचाने में जुटी है। मैं भूपेश बघेल से पूछना चाहता हूं क्या इस प्रदेश में विधि का शासन समाप्त हो गया है? क्या इस प्रदेश में कानून का उपयोग सिर्फ आदिवासी समाज को प्रताड़ित करने के लिए है?
निष्पक्ष चुनाव कराने में विफल होता चुनाव आयोग
भाजपा प्रत्याशी और आदिवासी समाज के होनहार बेटे ब्रह्मानंद नेताम पर झूठे प्रकरण दर्ज कर झारखंड से पुलिस बुला लिया जाता है लेकिन पॉक्सो एक्ट की धारा 23 (2) का अपराधी मोहन मरकाम “स्टार प्रचारक” बना घूम रहा है। मैं प्रदेश के चुनाव आयोग से पूछना चाहता हूं 21 नवंबर से इस मामले की सूचना के बाद भी मोहन मरकाम स्टार प्रचारक बनकर कैसे घूम रहा है ? चुनाव आयोग ने भाजपा की शिकायत पर अभी तक कार्रवाई क्यों नही की। एक तरफ भाजपा प्रत्याशी पर षड्यंत्र पूर्वक प्रकरण बनाकर हर सभा, मंच पर उनका मान मर्दन किया जा रहा है इसपर भी चुनाव आयोग खामोश है। चुनाव आयोग और पुलिस प्रशासन के गतिविधियों से साफ है यह चुनाव निष्पक्ष नहीं हो रहा। यह विधि के शासन और लोकतंत्र की हत्या है।
भाजपा प्रत्याशी को प्रताड़ित करने में जुटा सरकारी अमला
संविधान प्रदत्त गणतांत्रिक व्यवस्था में सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है लेकिन आदिवासी बेटे को जिस तरह से “मानसिक प्रताड़ना” दी जा रही है, जिस प्रकार से उनके “मनोबल को खत्म” करने की कोशिश सम्पूर्ण शासन-प्रशासन और सरकारी अमले द्वारा की जा रही है वह निंदनीय है। मैं पुलिस प्रशासन को पूछना चाहता हूं कि आखिर कब मोहन मरकाम की गिरफ्तारी होगी? मैं चुनाव आयोग से पूछना चाहता हूं कब मोहन मरकाम को चुनाव प्रचार से रोका जाएगा।
पूरे बस्तर और सरगुजा संभाग से कांग्रेस होगी साफ
मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से को कहना चाहता हूं हार को निकट देखकर आप कितने भी षड्यंत्र कर लीजिए प्रपंच रच लीजिए भाजपा प्रत्याशी की विजय निश्चित है। लेकिन इस उपचुनाव के बाद भी तुम्हारी ये कायरतापूर्ण हरकते आदिवासी समाज भूलने वाला नही है। अभी तो केवल भानुप्रतापपुर के गांवों से कांग्रेसियों को खदेड़ा जा है आने वाले समय पूरे बस्तर और सरगुजा के हर गांव से आदिवासी समाज तुम्हे खदेड़ने के लिए बेताब बैठे है।
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