कोरबा, 25 नवम्बर । मूलतः BEO और पिछले कई सालों से CEO की कुर्सी संभाल रहे जी.के. मिश्रा को विभाग के उप सचिव ने निलंबित करने का आदेश जारी किया है। वर्तमान में कोरबा जनपद पंचायत के CEO के पद पर पदस्थ जी.के. मिश्रा अपने पदस्थापना काल से ही अत्यंत विवादित रहे हैं।
पूर्व गृहमंत्री ने की थी शिकायत
जीके मिश्रा इससे पूर्व कोरबा के करतला जनपद में CEO थे। वहां पंचायत चुनाव के दौरान जी.के. मिश्रा द्वारा पंचायतों में केवल सचिव के हस्ताक्षर से 15 वें वित्त की राशि निकलने की अनुशंसा कर दी, जबकि पंचायतों के खाते में सरपंच और सचिव दोनों के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं। ऐसा करके पंचायतों से लाखों रुपये का आहरण कर बंदरबाट करने का आरोप लगा और इसकी शिकायत रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने चुनाव आयोग से की थी।
जीके मिश्रा पर यह आरोप भी लगा कि उन्होंने जनपद पंचायत करतला के अंतर्गत सी.सी. रोड निर्माण कार्य एवं हाई स्कूल का अहाता निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का अभाव व गंभीर वित्तीय अनियमितता बरती गई।
जांच में शिकायतों की हुई पुष्टि
जीके मिश्रा के खिलाफ की गई शिकायतों की जांच लम्बे समय तक चली और अब जाकर उनका निलंबन आदेश जारी हुआ है। आदेश में उप सचिव एमरेसिया खेस्स ने कहा है कि वर्ष 2019-20 में जीके मिश्रा द्वारा प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत करतला जिला कोरबा के पद पर रहने के दौरान सी.सी. रोड निर्माण कार्य एवं हाई स्कूल का अहाता निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का अभाव व गंभीर वित्तीय अनियमितता बरती गई। मिश्रा का उक्त कृत्य पदीय कर्तव्य के प्रति लापरवाही व गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है, जो कि छ.ग. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3 के विपरीत होने के फलस्वरूप राज्य शासन एतद द्वारा जी.के. मिश्रा (मूल पद- विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी) (वर्तमान में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा जिला-कोरबा) को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में मिश्रा का मुख्यालय कार्यालय आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास इंद्रावती भवन नया रायपुर निर्धारित किया गया।
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