सारंगढ़-बिलाईगढ़, 25 नवम्बर | छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी कार्यक्रम गोधन न्याय योजनांतर्गत राज्य शासन के मंशानुरूप गोठानों में गोबर खरीदी के साथ-साथ अब गौमूत्र खरीदी कर जैविक उत्पाद बनाकर महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की कड़ी में नवगठित जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ के कलेक्टर डॉ.फरिहा आलम सिद्दकी के निर्देश एवं उप संचालक कृषि श्री उमेश तोमर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी योगेश्वरी बर्मन, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री पी.के.घृतलहरे के त्वरित पहल पर तेंदूदरहा गौठान में गौमूत्र की खरीदी कराई गई एवं आज गंगा-महिला स्व-सहायता समूहों को जैविक कीटनाशक दवा बनाने का व्यवहारिक प्रशिक्षण बी टी एम प्रकाश थवाईत, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी आनंद सिंह राजपूत द्वारा गोठान परिसर में कराया गया। पांच किस्म के कडुवा पत्ते आंख घतूरा, नीम, करंज सीताफल पत्ती को मिला कर 30 लीटर का ब्रम्हास्त्र एवं 25 लीटर का निमास्त्र बनवाया गया जो कि फसलों में जैविक कीट नियंत्रण में उपयोगी होगा। कृषि विभाग के सतत् निगरानी में शासन के मंशानुरूप गौठान में पैरा संग्रहण की भी शुरूआत की गई है। वर्मी टांको का अपडेट कराकर 6 टांकों में केंचुआ भी छोडा गया है।
अन्य संरचनाओं का निर्माण कार्य भी जारी है। पशुपालन विभाग द्वारा पशुचारा की भी बुवाई कराई गई है। इस दौरान सचिव राजबहादुर जाटवर, गौठान अध्यक्ष गुहाराम पटेल, अध्यक्ष दिलबाई पटेल, सचिव मेमबाई, राधाबाई, दरसमति, सुन्दरमति, शंकरमति, मैनामति, कमलबाई, छतबाई, दिलेश्वर सिंग सहित ग्रामवासी शामिल रहे।
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