विवाह के लिए शुभ माने जाने वाला शुक्र तारा का उदय, अब ले सकेंगे फेरे, साल 2023 में 60 से अधिक मुहूर्त

ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार विवाह के लिए गुरु और शुक्र तारा को शुभदायी माना जाता है। आकाश मंडल में शुक्र तारा उदितमान हो तभी विवाह के मुहूर्त श्रेष्ठ होते हैं। देवउठनी एकादशी से विवाह मुहूर्तों की शुरुआत होती है, लेकिन अभी तक शुक्र तारा अस्त होने से विवाह संस्कारों पर रोक लगी थी। दो अक्टूबर को शुक्र तारा अस्त हुआ था। अब 21 नवंबर को शुक्र उदित हो चुका है। अब 28 नवंबर को श्रेष्ठ मुहूर्त से विवाह के फेरे लिए जा सकेंगे। गोलबाजार, शास्त्री बाजार में विवाह के लिए आवश्यक सामग्री की खरीदारी शुरू हो चुकी है।

16 दिसंबर को सूर्य के राशि परिवर्तन से मलमास लगेगा

ज्योतिषाचार्य डा. दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार शुक्र तारा 20 नवंबर को उदित हो चुका है। अब विवाह के लिए कोई रुकावट नहीं है। नवंबर में 28 को शुभ मुहूर्त और दिसंबर माह में पांच मुहूर्त श्रेष्ठ हैं। 16 दिसंबर से मलमास प्रारंभ हो रहा है, सूर्य का राशि परिवर्तन होगा। सूर्य को भी विवाह का कारक ग्रह माना जाता है। राशि परिवर्तन के दौरान एक माह तक सूर्य मलीन अवस्था में रहेगा, सूर्य, जब अगले महीने 14 जनवरी 2023 को मकर राशि में प्रवेश करेगा तब पुन: शुभ संस्कार शुरू होंगे।

श्रीराम विवाहोत्सव पर श्रेष्ठ मुहूर्त

इस साल 28 नवंबर के अगहन शुक्ल पंचमी तिथि पर श्रीराम-सीता विवाहोत्सव मनाया जाएगा। यह श्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है, इस दिन सैकड़ों युवक-युवतियां विवाह बंधन में बंधेंगे।

दिसंबर में मुहूर्त

दिसंबर – 2, 4, 8, 9, 14

अगले साल 2023 के मुहूर्त

जनवरी – 25 ,26, 27

फरवरी – 6, 9,10 ,15, 16, 22

मार्च – 8, 9, 11,

होलाष्टक और मीन मलमास

मार्च महीने में होली के आठ दिनों पूर्व होलाष्टक लगने से इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते। होलाष्टक 28 फरवरी से 7 मार्च तक रहेगा। इसके बाद 14 मार्च से मीन मलमास प्रारंभ होगा जो 14 अप्रैल को समाप्त होगा। साथ ही गुरु तारा अस्त हो जाएगा। इस बीच एक महीने फिर विवाह मुहूर्त नहीं होंगे। हिंदू संवत्सर 2080 प्रारंभ होने के बाद ही मुहूर्त श्रेष्ठ हैं।

मई – 6, 8, 9, 10, 11, 15, 17, 20, 21, 22, 27, 29, 30

जून – 1, 3, 5, 6, 7, 11, 12, 23, 24, 26, 27

देवशयनी एकादशी से चातुर्मास

29 जून को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास का शुभारंभ होगा। इस दौरान 22 नवंबर तक शुभ कार्य नहीं होंगे। देवउठनी एकादशी के बाद ही विवाह किया जा सकेगा।

नवंबर – 23, 24, 27, 28 और 29

दिसंबर – 5, 6, 7, 8, 11 और 15

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