कोरबा, 19 नवम्बर । कविता ही मनुष्य के हृदय को स्वार्थ-सम्बन्धों के संकुचित मंडल से ऊपर उठाकर लोक-सामान्य भाव-भूमि पर ले जाती है जहाँ जगत् की नाना गतियों के मार्मिक स्वरूप का साक्षात्कार और शुद्ध अनुभूतियों का सञ्चार होता है। इस भूमि पर पहुँचे हुए मनुष्य को कुछ काल के लिए अपना पता नहीं रहता। वह अपनी सत्ता को लोकसत्ता में लीन किए रहता है। उसकी अनुभूति सब की अनुभूति होती है। या हो सकती है। इस अनुभूति-योग के अभ्यास से हमारे मनोविकारों का परिष्कार तथा शेष सृष्टि के साथ हमारे रागात्मक सम्बन्ध की रक्षा और निर्वाह होता है। जिस प्रकार जगत् अनेक-रूपात्मक है उसी प्रकार हमारा हृदय भी अनेक-भावात्मक है। इन अनेक भावों का व्यायाम और परिष्कार तभी समझा जा सकता है जब कि इन सबका प्रकृत सामञ्जस्य जगत् के मिन्न-भिन्न रूपों, व्यापारों या तथ्यों के साथ हो जाय। इन्हीं भावो के सूत्र से मनुष्य-जाति जगत् के साथ तादात्मय का अनुभव चिरकाल से करती चली आई है। जिन रूपों और व्यापारों से मनुष्य आदिम युगों से ही परिचित है, जिन रूपों और व्यापारों को सामने पाकर वह नर-जीवन के आरम्भ से ही लुब्ध और क्षुब्ध होता आ रहा है, उनका हमारे भावों के साथ मूल या सीधा सम्बन्ध है।
अतः काव्य के प्रयोजन के लिए हम उन्हें मूल रूप और मूल व्यापार कह सकते हैं। इस विशाल विश्व के प्रत्यक्ष से प्रत्यक्ष और गूढ़ से गूढ़ तथ्यों को भावों के विषय या आलम्बन बनाने के लिए इन्हीं मूल रूपों और मूल व्यापारों में परिणत करना पड़ता है। जब तक वे इन मूल मार्मिक रूपों में नहीं लाए जाते तब तक उनपर काव्यदृष्टि नहीं पड़ती। दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में इंग्लिश रेसीटेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में यूकेजी एवं नर्सरी एवं एलकेजी के बच्चों ने पार्टिशिपेट किया । इस सीसीए एक्टिविटी का थीम था माई फेवरेट पोएम । सभी छोटे-छोटे बच्चों ने आकर्षक वेशभूषा एवं भावभंगिमाओं के साथ अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी । इस प्रतियोगिता को आयोजित कराने में श्रीमती निहारिका जैन श्रीवास्तव, श्रीमती स्वाति सिंह, श्रीमती रूमकी हलदर, श्रीमती मधुचंदा पात्रा, शैक्षणिक प्रभारी श्रीमती सोमा सरकार का विशेष योगदान रहा ।
इस प्रतियोगिता में कक्षा नर्सरी से अद्विता देवांगन, दीप प्रियांशु सिंह, श्याम, शाश्वत सिंह, दिव्यांशी दास, विहान सिंह, अवनी धुल्यानी, काव्यश्री दास, आरूष, दृष्टि सिंह व मिष्टी जायसवाल ने बेहतर प्रदर्शन किया । कक्षा एलकेजी से सारांश सतपथी, कीर्ति सिंह, रोशनी दुबे, दीक्षांत पटेल, अवंतिका बंजारे, गुंजन कुमारी, इकरा फरहत, जीवेश सिंह, सुरभि कंवर व धनी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया । वहीं कक्षा यूकेजी से अक्षत पटेल, अदरिज बिस्वास, हर्ष यादव, आकांक्षा महंत, अर्पिता सिंद्राम, आयुष महतो, विश्वास कोर्राह, अनुष्का कंवर, अंशिका मिश्रा व युवान यादव ने अपनी मीठी व तुतली वाणी से सबको गुदगुदाया ।
उपरोक्त सभी विद्यार्थियों ने अपने देश अपने परिवार, नेचर, पैरेन्ट्स, दोस्ती व अपने विद्यालय को समर्पित इंग्लिश कविता सुनाए । सबसे रोचक व मजेदार बात यह थी कि सभी बच्चों ने पूरे आत्मविश्वास के साथ बेहतर सामंजस्य व शारीरिक क्रियाओं अर्थात एक्शन के साथ कविता का वाचन किया । दर्शकगण लगातार इन बच्चों की प्रस्तुति के पश्चात उनके उत्साहवर्धन हेतु तालियाँ बजाते रहे ।
प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि मंच ने आकर दर्शक दीर्घा के समक्ष अपनी प्रस्तुति देने से आत्मविश्वास में वृध्दि होती है । हम अपने विद्यालय में लगातार विभिन्न सीसीए एक्टिविटी के माध्यम से बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभाओं को निखारने का प्रयास करते हैं । हमारा एकमात्र उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास के साथ-साथ नैतिक विकास पर भी निरंतर ध्यान देते रहेंगें । प्रत्येक विद्यार्थी में हुनर छिपी होती है, जरूरत है उसे सही माहौल प्रदान कर उसे तराशने की ।
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