धमतरी, 19 नवंबर। आमापारा के अंबा चौक धमतरी में आयोजित हरिवंश महापुराण की कथा में शुक्रवार को प्रवचनकर्ता पंडित अशोक शास्त्री ने कहा कि तप साधना करने से जीवन में दिव्यता आती है। दुर्लभ मानव तन के द्वारा हरि की भक्ति करनी चाहिए। केवल और केवल हरि ही हमारा है। प्रतिदिन हमें समय निकालकर प्रभु का भजन करना चाहिए।
भागवत में परम धर्म का निरूपण व्यास जी ने किया है। परम धर्म कहता है कि संसार से आसक्ति हटाकर गोंविद के ध्यान करें। उन्होंने कहा कि जिनकी संतान नहीं हैवे हरिवंश महापुराण की कथा श्रवण करें। जिनकी संतान नहीं है उसे पुराण का आश्रय लेना चाहिए। पुत्र प्राप्ति होने के बाद पुत्र यदि कष्ट में है तो पित्र देव की प्रसन्नता के लिए पित्र दोष शांति के लिए यह हरिवंश पुराण कथा का श्रवण करना चाहिए। कलयुग में यह सुगम उपाय है। भागवत कथा श्रवण में बड़े -बड़े महापापी भी मुक्त हो जाते हैं बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। शरीर में जब तक प्राण है तब तक कथा सुननी चाहिए। ब्रह्मा की उत्तम सृष्टि मनुष्य है। भागवत ज्ञान यज्ञ तथा हमारे जीवन का मार्ग प्रशस्त करती है। जीवन में चाहे सुख हो या दुख हो हमें सभी परिस्थितियों का समान रूप से सामना करना चाहिए। गोविंद के श्रीचरणों का आश्रय लेना चाहिए। चरण, शरण ग्रहण करना ही परम धर्म है। कार्यक्रम का आयोजन अन्नू पटेल लक्ष्मी पटेल परिवार ने किया है। कथा श्रवण के लिए भक्त कथा स्थल पहुंच रहे हैं। कथा का समापन 20 नवंबर को होगा।
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