उल्टी पड़ी है कश्तियाँ, रेत पर मेरी….कोई ले गया है दिल से, समंदर निकालकर…!

रायपुर,18 नवम्बर शंकर पांडे वरिष्ठ पत्रकार। हिमाचल प्रदेश का विधानसभा चुनाव नया ‘पॉलिटिकल ट्रेंड’ तय कर सकता है। चुनाव में ‘पुरानी पेंशन बहाली’ का मुद्दा खूब गर्माया रहा। कांग्रेस पार्टी ने इसी मुद्दे पर बाजी लगाई है। ये मुद्दा न केवल कांग्रेस, बल्कि भाजपा के लिए भी किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। भाजपा ने ‘ओपीएस’ को लेकर हिमाचल में कोई वादा नहीं किया है। इससे पहले उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के चुनाव में भी पार्टी इस जोखिम का सामना कर चुकी है। अगर हिमाचल में उसे सफलता मिली तो ‘2024’ के लोकसभा चुनाव में अन्य दलों को अपनी रणनीति में बदलाव लाना पड़ सकता है।विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे।हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और उसका सीधा मुकाबला कांग्रेस से है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां तीन चुनावी रैलियां कर चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 44 और कांग्रेस को 21 सीटें मिली थीं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और छ्ग के सीएम भूपेश बघेल ने वहाँ काफ़ी पसीना बहाया है।कांग्रेस हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली, सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम और महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये का भत्ता देने का ऐलान किया है। साथ ही पांच लाख नौकरियां देने भी घोषणा की है। वहीं, बीजेपी एक बार फिर मोदी लहर के भरोसे उतरी है। पिछले कुछ दिनों में पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश मे एक के बाद एक कई नई परियोजनाओं की शुरुआत की।बीजेपी नेताओं को भरोसा है कि मोदी लहर के सहारे उनकी चुनावी नाव पार हो जाएगी। हाल में आए एक ओपिनियन पोल में भी बीजेपी की जीत की संभावना जताई गई थी? लेकिन, प्रतिभा सिंह की अगुवाई में कांग्रेस सत्ता वापसी की उम्मीद कर रही है। दो साल पहले हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी कोअप्रत्याशित तरीके से हराया था,जिससे पार्टी का मनोबल काफी बढ़ा।हालांकि, बीजेपी ने उपचुनाव में हारने के बाद राज्य पर काफी ज्यादा फोकस किया है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद भी हिमाचल प्रदेश से आते हें। ऐसे में पार्टी के लिए यह जंग बेहद अहम मानी जा रही है।

वीर गुंडाधुर के सेना की युद्धभूमि होगी संरक्षित…

बस्तर में 1910 के महान भूमकाल आंदोलन के नायक आदिवासी वीर गुंडाधुर के नेतृत्व में अंग्रेजों के विरूद्ध ग्राम अलनार के जिस युद्ध क्षेत्र में लड़ाई लड़ी गई थी उसका संरक्षण किया जाएगा।कमिश्नर श्याम धावड़े और कलेक्टर चंदन कुमार ने अलनार के समीप स्थित युद्धक्षेत्र व स्मारक स्थल का अवलोकन किया। उन्होंने स्मारक स्थल के समीप भूमि को संरक्षित करने के निर्देश जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गौतम पटेल को दिये हैं,विदित हो आदिवासी समाज द्वारा लंबे समय से भूमकाल आंदोलन के युद्धक्षेत्र के संरक्षण की मांग की जाती रही है।

भूमकाल आंदोलन में गुंडाधुर की विद्रोही सेना की फरवरी मध्य में हार हो गई थी और प्राय: सभी विद्रोही नेता गिरफ्तार कर लिये गये थे।जगदलपुर में विविध राज्यों से आई हुई ब्रिटिश सेना की टुकड़ियों ने मोर्चा संभाल लिया था। ऐसी स्थिति में गुंडाधुर ने एक बार फिर अपनी सेना को मजबूत बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया था। जगदलपुर से आठ मील दूर ग्राम अलनार में गुंडाधुर ने विद्रोही दल की विशाल सेना एकत्र कर ली थी।इतिहासकारों के अनुसार 25 फरवरी 1910 को अलनार में गुंडाधुर की सेना ने ब्रिटिश सेना पर जोरदार आक्रमण कर दिया था। अलनार युद्ध में आदिवासी वीरों ने अपने शौर्य का लोहा मनवाया था। अलनार में आज भी वह युद्धक्षेत्र मौजूद है।

रायपुर:40 लाख आबादी,504 वर्ग किमी दायरा….

रायपुर का विकास मॉडल 2031 कोरोना की वजह से चार साल से अटका हुआ था,जो अंततः सार्वजनिक हुआ। यह प्लान 40 लाख की आबादी का होगा। रायपुर का दायरा 2021 के प्लान में 226 वर्ग किलोमीटर था। नए प्लान का दायरा 503.67 वर्ग किलोमीटर का रहेगा। जनसंख्या अभी की तुलना में 5लाखअधिक होने का अनुमान है,इसलिए 30 से ज्यादा नई एमआर सड़कें (टू-फोरलैन) नए प्लान में रखी गई हैं।

शिक्षा या आवास के हिसाब से पिछले प्लान की तुलना में 34152.32 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी, जिसे प्लान में समाहित किया गया है। इसमें पुरानी सड़कों की चौड़ाई बढ़ाना भी शामिल है। नए मास्टर प्लान के प्रिंट को मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भी भेज दिया गया है। मास्टर प्लान को मंजूरी देने के लिए सभी बैठकें भी हो गई है।नए मास्टर प्लान के आने के बाद रायपुर का क्षेत्रफल 503.67 वर्ग किमी हो जाएगा। जबकि पिछली प्लानिंग 25 लाख आबादी के लिए 16000 हेक्टेयर जमीन के साथ हुई थी,जिसमें 65 नए गांव शामिल किए गए हैं। इस तरह रायपुर में शामिल गांवों की संख्या 41 से बढ़ाकर 106 हो जाएगी।

उप चुनाव और मास्टर स्ट्रोक की अभी से चर्चा..

क्या भानुप्रतापपुर विधानसभा उप चुनाव में भी भूपेश बघेल पुराना मास्टर स्ट्रोक लगाएंगे…? छ्ग में खैरागढ़ विस उप चुनाव में मतदान के पहले ही सीएम ने जिला बनाने की घोषणा के उस विधानसभा को कॉंग्रेस जीतने में सफल हो गईं थी।अब भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में भी चर्चा तेज है। यहाँ भी जिला बनाने की मांग काफ़ी पुरानी है और सीएम ऐसी घोषणा कर सकते हैं। वैसे इस विधानसभा की जीत/हार को भाजपा अगले साल होने वाले चुनाव का सेमीफाइनल मान रही है।

इधर आदिवासियों के आरक्षण को लेकर छ्ग का सियासी माहौल गर्म है।सरकार बनने के बाद से उप चुनाव कांग्रेस ने ही जीते हैँ।राज्य स्थापना के बाद से प्रदेश में करीब 11 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हुए हैं। इतिहास रहा है कि लोगों ने उप चुनावों में उसे ही विधायक बनाया जिसकी पार्टी की सरकार रही। केवल एक सीट कोटा को छोड़कर बाकी सभी सीटों ऐसा ही हुआ। राज्य के पहले विस अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला के निधन की वजह से खाली हुई कोटा सीट पर जब उपचुनाव हुआ तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। इसके बावजूद वहां से कांग्रेस की डा.रेणु जोगी जीती थीं।साल 2018 में दंतेवाड़ा की सीट से भाजपा के भीमा मंडावी ने चुनाव जीता। मंडावी नक्सल हमले में मौत के बाद सितंबर 2019 में उप चुनाव हुआ। यहां दिग्गज कांग्रेसी नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा को जीत मिली। साल 2019 में चित्रकोट में उपचुनाव हुए। क्योंकि यहां से कांग्रेस के चुने विधायक दीपक बैज बाद में लोस सदस्य बन गये।ये सीट खाली हुई तो कांग्रेस के ही राजमन बेंजाम ने उप चुनाव जीतकर विधायक बने।साल 2020 नवंबर में मरवाही में उप चुनाव हुए। छग के पहले सीएम अजीत जोगी की मौत के बाद जनता कांग्रेस से ये सीट कांग्रेस पास चली गई। कांग्रेस से के के ध्रुव जीत गए। इसी साल 2022 में खैरागढ़ इस सीट से जकांछ के विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद उप चुनाव हुआ कांग्रेस की यशोदा निलाम्बर वर्मा जीत गईं।अब भानुप्रताप पुर में विस उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन के कारण उप चुनाव में उनकी पत्नी सावित्री मंडावी का मुकाबला भाजपा के ब्राम्हानंद नेताम से है।

ऋचा अमित जोगी के खिलाफ जुर्म दर्ज…

छ्ग के पहले सीएम स्व.अजीत जोगी की बहु तथा जोगी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी पर मुंगेली के सिटी कोतवाली थाने में फर्जी जाति के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी की भूमिका की भी जांच कराई जाएगी।राज्य स्तरीय छानबीन समिति के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है।इस कार्रवाई के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं मुंगेली के जरहागांव क्षेत्र के पेंड्रीडीह में ऋचा रूपाली साधु के नाम से अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी हुआ था

जिस पर शिकायतकर्ता संत कुमार नेताम एवं अन्य की शिकायत पर छानबीन समिति ने जांच में फर्जीवाड़ा पाया था।ऋचा जोगी के स्कूली दस्तावेज के साथ-साथ उसके परिवार के जमीन खरीदी बिक्री के दस्तावेजों में आदिवासी जाति का उल्लेख नहीं था जांच के बाद मरवाही चुनाव के पहले उनका प्रमाण पत्र निरस्त किया गया था अब राज्य स्तरीय छानबीन समिति के निर्देश पर मुंगेली आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त एलआर कुर्रे की सूचना पर सिटी कोतवाली पुलिस ने सामाजिक परिस्थिति कारण प्रभावी करण अधिनियम 2013 की धारा 10 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।

और अब बस….

0 कुछ कलेक्टर और एस पी की तबादला सूची जल्दी जारी होने की संभावना है।
0ईडी को दुर्ग के एक हवलदार ने दिल्ली में लेनदेन के कई राज उगले हैं ऐसा चर्चा में है.? उसे काफ़ी पहले ही ईडी ने उठा लिया था….?
0सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी को छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।.