रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया एलान; जानिए किन कर्मचारियों का बढ़ेगा कितना वेतन

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि सरकार जल्द ही रेलवे के लगभग 80 हजार कर्मचारियों के वेतन में सुधार करने जा रही है.रेलवे कर्मचारियों के बीच कॉम्पिटिशन बढ़ाने और काम की बोरियत को खत्म करने के लिए सरकार यह कदम उठाने जा रही है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 16 नवंबर को नए प्रावधानों की घोषणा की है.

भारतीय रेलवे एक नए प्रावधान के जरिए रेलवे के सुपरवाइजरी कैडर को ग्रुप A अधिकारियों के बराबर सैलरी स्ट्रक्चर तक पहुंचने का अवसर दे रहा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि लेवल-7 में रेलवे के सुपरवाइजरी कैडर में सैलरी हाइक और प्रमोशन का स्कोप काफी कम था. वेतन बढ़ने से रेलवे के कर्मचारी बेहतर काम करने के लिए प्रेरित होंगे.रेलवे कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी से सुपरवाइज ग्रेड के करीब 40 हजार कर्मचारियों को फायदा होगा. सुपरवाइजर केटेगरी में स्टेशन मास्टर, टिकट चेकर, ट्रैफिक इंस्पेक्टर आदि सम्मिलित होते हैं. ये सभी फील्ड लेवल के कर्मचारी कहलाते हैं.इस बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों को औसतन 2,500 से 4,000 रुपये प्रति माह ज्यादा वेतन मिलेगा. इसके अलावा रेलवे के वेतन बिल में इससे 10 हजार करोड़ रुपए का भार बढ़ेगा.

रेलवे कर्मचारियों की वेतन वृद्धि की घोषणा करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बीते 16 साल से सुपरवाइजर कैडर कर्मचारियों के बीच इस तरह की मांग की जा रही थी.इन कर्मचारियों के बीच प्रमोशन का सिर्फ एक ही विकल्प था कि ग्रुप B का एग्जाम कराया जाए और 3,712 पोस्ट के लिए सिलेक्शन किया जाए. अब इस ऐलान के बाद 50 फीसदी कर्मचारी लेवल 7 से लेवल 8 में प्रमोट हो जाएंगे.रेलवे कर्मचारियों के वेतन में नए प्रावधान से सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, एसएंडटी ट्रैफिक केमिकल और एसएंडटी, मेटलर्जिकल, स्टोर और कमर्शियल डिपार्टमेंट के सुपरवाइजर को भी लाभ मिलेगा.

AIRF के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि रेल मंत्रालय के साथ-साथ DOPT और MOF (DOI) के साथ ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन (AIRF) की जोरदार कोशिशों के बाद ऐसा हो पाया है. एसोसिएशन ने कर्मचारियों के वेतन में 4,600 से 5,400 रुपये तक बढ़ाने की मांग की थी.रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि रेलवे कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के इस कदम से सरकार के खजाने पर वित्तीय रूप से कोई असर नहीं होगा, क्योंकि मुख्य रूप से इसकी भरपाई रेलवे अपने डीज़ल बिल की बचत से करेगा.

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