नई दिल्ली ,17 नवंबर। देश में लगभग 30 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता है, जबकि गैस सिलेंडरों की संख्या करीब 70 करोड़ है। इनमें सबसे अधिक ग्राहक इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के पास हैं। देश में जैसे-जैसे गैस की कीमतों में इजाफा हो रहा है, सिलेंडरों से अवैध तरीके से गैस निकालने के मामले भी बढ़ रहे हैं। इसी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने सिलेंडरों को क्यूआर कोडयुक्त करने का फैसला लिया है। क्यूआर कोड युक्त सिलेंडर होने से उपभोक्ताओं को गैस की चोरी होने की स्थिति में मदद मिलेगी। दरअसल, क्यूआर कोड की मदद से उनके सिलेंडर को ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे सिलेंडर वितरण की प्रक्रिया के दौरान गैस चोरी करने वालों की पहचान हाे सकेगी।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस बात की जानकारी साझा करते हुए कहा है कि सरकार सभी एलपीजी गैस सिलेंडरों को क्यूआर कोड से लैस करने जा रही है। ऐसा होने से गैस सिलेंडरों की ट्रैकिंग आसान होगी और गैस चोरी करने वालों को पकड़ा जा सकेगा। दूसरे शब्दों में कहें तो ये क्यूआर कोड बिल्कुल उसी तरह से काम करेगा, जैसे एक मनुष्य के लिए आधार कार्ड काम करता है। सरकार के इस फैसले से आने वाले समय में क्यूआर कोड से लैस हर सिलेंडर की अपनी एक अलग पहचान होगी।
विश्व एलपीजी सप्ताह 2022 के दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने इस प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि आने वाले तीन महीनों में सभी एलपीजी गैस सिलेंडरों पर क्यूआर कोड लग जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि फरवरी 2023 से आपके घर पर क्यूआर कोड से लैस सिलेंडर पहुंचेगा।
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