भारत और स्वीडन ने लीड-आई टी शिखर सम्मेलन की मेजबानी की

नई दिल्ली ,16 नवंबर। भारत और स्वीडन ने मिस्र के शर्म अल शेख में आज कॉप 27 से इतर लीड-आई टी शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। औद्योगिक परिवर्तन के लिए नेतृत्व का उद्देश्य लेकर लीड-आई टी पहल अल्प कार्बन संक्रमण के लक्ष्य पर केंद्रित है। इस अवसर पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि सह-विकास ही उन लक्ष्यों को पूरा कर सकता है जो दुनिया ने अपने लिए तय किए हैं और इसके बिना अल्प कार्बन संक्रमण दशकों तक टल सकता है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र का कम कार्बन संक्रमण न केवल  ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाएगा बल्कि इसके कई अन्य लाभ भी हैं जिनमें जलवायु परिवर्तन का सामना करने की शक्ति में वृद्धि, ऊर्जा सुरक्षा में बढ़ोतरी, नवाचार, सामाजिक-आर्थिक विकास और रोजगार सृजन शामिल हैं। 

उन्होंने कहा कि लीड-आई टी का वर्तमान चरण 2023 में समाप्त होने वाला है और अगला वर्ष अब तक के प्रदर्शन और उपलब्धियों पर विचार करने का होगा। शिखर सम्मेलन का समापन लीड-आई टी सदस्यों द्वारा शिखर सम्मेलन वक्तव्य को अपनाने के साथ हुआ। इसमें निम्न-कार्बन संक्रमण को जारी रखने की प्रतिबद्धता पर बल दिया गया हैं। नए सदस्यों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए भी मौजूदा सदस्य प्रतिबद्ध हैं। शिखर सम्मेलन के बाद कॉप 27 के भारतीय मंडप में लीड-आई टी शिखर बैठक का वक्तव्य सार्वजनिक रूप से जारी किया गया। स्वीडन की जलवायु और पर्यावरण मंत्री, रोमिना पौरमोखतारी और मिस्र की अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्री, रैना अल-मशात ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।