पशुपालक का पुत्र भी अब बनेगा डॉक्टर, गोधन न्याय योजना से सपने हुए पूरे


कोचिंग के खर्च से मिली राहत, जब गोधन से हुई आय, पास की नीट की परीक्षा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छात्र आलोक से फोन पर बात कर उज्ज्वल भविष्य की दीं शुभकामनाएं

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर, 14 नवम्बर |
गोधन न्याय योजना लोगों के जीवन में कैसे बदलाव ला रही है इसका एक जीवंत उदाहरण मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में देखने को मिला। जिले के विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ के आमाखेरवा में रहने वाले पशुपालक संतोष सिंह के जीवन में तब सुखद क्षण आया जब उन्हें पता चला कि उनके पुत्र आलोक सिंह का चयन नीट परीक्षा उत्तीर्ण कर एमबीबीएस हेतु हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं आलोक से फोन पर बात कर उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। संतोष मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि गोधन न्याय योजना सच में हम जैसे जरूरतमंद लोगों के बड़े सपनों को साकार करने वाली योजना है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस जनहितैषी योजना से आज मेरा भी सपना पूरा हुआ है।


संतोष बताते हैं कि उन्हें जैसे ही बेटे की सफलता का पता चला पूरे परिवार में खुशियों की लहर दौड़ पड़ी, क्योंकि सभी का चाहते थे की आलोक डॉक्टर बनकर परिवार का नाम रौशन करे। वे बताते हैं कि परिवार की आर्थिक स्थिति को देखकर हमने कभी नहीं सोचा था कि यह दिन भी आएगा, क्योंकि एक साधारण आठ सदस्यीय पशुपालक परिवार के रूप में यह सोचना भी हमारे लिए सपना था, लेकिन गोधन न्याय योजना से यह सपना आज पूरा हुआ है। संतोष ने बताया कि उनके पास लगभग 40 पशु हैं, छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना की शुरुआत से वह गोबर विक्रय कर रहे हैं, उन्होंने अब तक कुल 3 लाख 25 हजार रुपए का गोबर बेचा है। उन्होंने बताया कि 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आलोक ने राजस्थान स्थित कोटा से नीट की परीक्षा हेतु कोचिंग करने की इच्छा जाहिर की, कोचिंग हेतु फीस का पूरा खर्च गोबर विक्रय से प्राप्त राशि से हो गया और आज बेटे की सफलता ने मुझे गौरवान्वित किया, आलोक का दाखिला कांकेर के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस होगा।