⭕ एजुकेशन डे के अवसर पर विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों ने पढ़ना-लिखना सिखाया विद्यालय में कार्यरत दीदी, भैया लोगों को बताया शिक्षा का महत्व ।
⭕ स्वयं का हस्ताक्षर करना सीखकर गद्गद हुए विद्यालय में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ।
⭕ अच्छी शिक्षा और संस्कार, यही है बेहतर जीवन का आधार-डॉ. संजय गुप्ता
⭕ शिक्षा का उद्देश्य है युवाओं को खुद को जीवन भर शिक्षित करने के लिए तैयार करना-डॉ. संजय गुप्ता
कोरबा,12 नवंबर । जीवन में शिक्षा का सबसे अहम स्थान होता है। हर व्यक्ति का जीवन उसकी शिक्षा पर निर्भर होता है। जैसी शिक्षा व्यक्ति को दी जाएगी, उसका जीवन उसी अनुसार चलेगा। आज हम पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मना रहे हैं। हर साल 11 नवंबर को भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के उपलक्ष्य में इस दिन को मनाया जाता है। इस दिन शिक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने और प्रत्येक व्यक्ति को साक्षर बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और अभियान आयोजित किए जाते हैं। 11 सितंबर, 2008 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। मौलाना आजाद को मरणोपरांत 1992 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है।
हम जीवन में शिक्षा के इस उपकरण का प्रयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों को सामाजिक और पारिवारिक आदर और एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत महत्वपूर्ण समय होता है। दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में 11 नवंबर एजुकेशन डे के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया । प्रातःकालीन सभा में सभी विद्यार्थियों ने सामूहिक रूप से अपने आस-पास के निरक्षर या अनपढ़ लोगों को शिक्षित करने की शपथ ली । छात्र प्रतीक कुमार ने विद्यार्थियों को अपने ओजस्वी भाषण के माध्यम से शिक्षा के महत्व से अवगत कराया । विद्यालय के शैक्षणिक समन्वयक श्री सव्यसाची सरकार सर ने भी विद्यार्थियों को शिक्षा की उपयोगिता एवं महत्व से रूबरू कराते हुए कहा कि शिक्षा इंसान को जीना सिखाती है । यह विश्व का सबसे शक्तिशाली अस्त्र है । इस अस्त्र का उपयोग कर हम अपना भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं ।
विद्यार्थियों ने विद्यालय में कार्यरत दीदी-भैया जो चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं । उन्हें पढ़ना-लिखना सिखाया तथा हस्ताक्षर करना भी सिखाया । सभी दीदी, भैया स्वयं का हस्ताक्षर सीखकर प्रफुल्लित हो गए । विद्यार्थियों ने उन्हें मात्रा एवं अक्षर ज्ञान कराकर पढ़ने का अभ्यास कराया । सभी दीदी-भैया ने भी शपथ लिया कि वे अब समय निकालकर शिक्षा अवश्य ग्रहण करेंगें । कहा भी जाता है एक शिक्षित माँ सौ शिक्षकों के समान है । यदि माँ शिक्षित होगी तो आने वाली पीढ़ी भी शिक्षित होगी । विभिन्न कक्षा स्तर के विद्यार्थियों ने स्लोगन एवं ड्राइंग के माध्यम से भी एजुकेशन-डे पर अपने विचार एवं कला का प्रदर्शन किया ।
प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि शिक्षा हम सभी के भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है । हम जीवन में शिक्षा के इस उपकरण का प्रयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं । शिक्षा का उच्च स्तर लोगों का सामाजिक और पारिवारिक आदर और एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है । मनुष्य के जीवन में जितना महत्व भोजन, कपड़े, हवा और पानी का है उससे कहीं अधिक महत्व शिक्षा का है, इसलिए हमेशा ये ही कहा जाता है कि शिक्षा का मानव जीवन में बहुत महत्व है । इंसान की बुध्दि का विकास शिक्षा अर्जित करने से ही होता है । शिक्षा मानव जीवन की एक महत्वपूर्ण इकाई है ।
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