हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष या फिर कहें अगहन मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी को भगवान काल भैरव की जयंती के पावन पर्व के रूप में मनाया जाता है. जीवन से जुड़ी तमाम बाधाओं को पलक झपकते दूर और ज्ञात-अज्ञात शत्रुओं का नाश करने वाले भी भगवान भैरव की साधना के लिए यह दिन अत्यंत ही शुभ और फलदायी माना गया है. यही कारण है कि लोग इस दिन मनचाहा आशीर्वाद पाने के लिए देश में स्थित भगवान भैरव के पावन धाम पर पहुंचते हैं. आइए भय को भगाने वाले भगवान भैरव के उन प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानते हैं, जहां पर दर्शन करने मात्र से ही जीवन से जुड़े सारे दोष दूर हो जाते हैं और मनोकामना पूरी होती है.
किलकारी भैरव, दिल्ली
भगवान शिव के उग्र अवतार माने जाने वाले भगवान किलकारी भैरव का यह प्रसिद्ध मंदिर देश की राजधानी दिल्ली के पुराने किले पास स्थित है. किलकारी शब्द का अर्थ किसी बच्चे के द्वारा खुशी के मारे चिल्लाना होता है. मान्यता है कि इस मंदिर को महाभारत काल में पांडवों के द्वारा स्थापित किया था. भगवान भैरव के इस पावन धाम पर प्रत्येक रविवार को भक्तों की भारी भीड़ जुटती है.
काल भैरव मंदिर, उज्जैन
महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थित भगवान भैरव के दर्शन के बगैर यहां पर स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा अधूरी मानी जाती है. क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित भगवान काल भैरव के इस मंदिर में दर्शन एवं पूजन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. मान्यता है कि यहां पर सच्चे मन से पूजा-पाठ करने पर भगवान भैरव अपने भक्त की परेशानी को दूर करने के लिए दौड़े चले आते हैं. भगवान भैरव के इस मंदिर में तमाम तरह की पूजा सामग्री के साथ उन्हें विशेष रूप से शराब भी चढ़ाई जाती है.
काल भैरव मंदिर, वाराणसी
सप्तपुरियों में से एक वाराणसी में भगवान भैरव को काशी के कोतवाल के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि इस शहर में आने वाले व्यक्ति को सबसे पहले भगवान भैरव की पूजा करके आशीर्वाद लेना होता है. भगवान भैरव का यह पावन धाम यहां पर स्थित बाबा विश्वनाथ मंदिर से महज दो किमी की दूर पर स्थित है. इस मंदिर में भगवान काल भैरव की काले रंग की प्रतिमा का प्रतिदिन किया जाने वाला श्रृंंगार देखते ही बनता है.
आकाश भैरव मंदिर, काठमांडू, नेपाल
भगवान भैरव का यह प्रसिद्ध मंदिर नेपाल देश की राजधानी काठमांडू के इंद्रचौक में स्थित है. स्थानीय लोग आकाश भैरव को एक बड़ी शक्ति के रूप में पूजते हैं. भगवान भैरव के इस पावन स्वरूप की प्रतिदिन पवित्र जल, पुष्प, चंदन एवं फल-भोग आदि से पूजा की जाती है. मान्यता है कि भगवान आकाश भैरव की पूजा करने वाला भक्त हमेशा विपदाओं से बचा रहता है.
बटुक भैरव मंदिर, नैनीताल
भगवान भैरव का यह मंदिर उत्तराखंड के नैनीताल शहर में पहाड़ों पर स्थित है. घोड़ाखाल नामक की जगह पर बटुक भैरव के इस पावन धाम को स्थानीय लोग गोलू देवता के नाम से बुलाते हैं. यहां मंदिर में भगवान भैरव की सफेद रंग की प्रतिमा है. जिनके पास लोग कागज में अपनी परेशानियां और मनोकामनाएं लिख कर लाते हैं और जब भक्त पर भगवान भैरव की कृपा बरस जाती है तो वह अपने आराध्य के लिए यहां पर घंटी बांध कर कृतज्ञता प्रकट करता है.
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