कोरबा, 08 नवंबर । सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि 2 वर्ष पूर्व केंद्र सरकार द्वारा जारी सामान्य वर्गों के लिए जो आर्थिक दृष्टि से पिछड़ चुके हैं की श्रेणी में आते हैं उन्हें शासकीय नौकरियों तथा शैक्षणिक संस्थानों में 10% आरक्षण देने का प्रावधान किया था जिस पर 10% आर्थिक दृष्टि से पिछड़े गरीबों के लिए आरक्षण की चुनौती माननीय उच्चतम न्यायालय में दी गई थी संवैधानिक पीठ ने बहुमत से निर्णय दिया कि सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10% आरक्षण जारी रहेगा।
सिन्हा ने आगे बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अब तक शासकीय नौकरियों में तथा शैक्षणिक संस्थानों में राज्य शासन ने आज दिनांक तक आर्थिक दृष्टि से पिछड़े गरीबों का 10% आरक्षण लागू नहीं किया है जो चिंता का विषय है।
सिन्हा ने आगे बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश को एक तरफ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी तथा छत्तीसगढ़ सत्ताधारी दल कांग्रेस ने स्वागत किया है लेकिन पिछले 3 वर्षों से छत्तीसगढ़ सरकार ने गरीबों को 10% आरक्षण का लाभ नहीं दे रही है जो कथनी और करनी में अंतर दिखाई दे रहा है इसलिए छत्तीसगढ़ शासन तत्काल आर्थिक दृष्टि से पिछड़े गरीबों को तत्काल शासकीय नौकरियों में तथा शैक्षणिक संस्थाओं में जो प्रदेश शासन के अधीन है आरक्षण लागू कर गरीबों के हमदर्द बने।
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