मानसिक स्वास्थ्य के लिए संचालित मंथन कार्यक्रम की कलेक्टर ने की समीक्षा

कोण्डागांव। गुरूवार को कलेक्टर सोनी की ओर से मानसिक स्वास्थ्य के लिए संचालित मंथन कार्यक्रम अंतर्गत जिला प्रशासन व यूनिसेफ  की अनुसंगी संस्था मानस फाउण्डेशन की ओर से किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। इस अवसर पर कलेक्टर ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत मंथन कार्यक्रम में आदिवासी विकास विभाग के सहयोग से स्कूलों में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए आश्रम छात्रावासों में शिविरों के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम को पायलट प्रोजक्ट से विस्तृत कर जिले के अन्य आश्रम छात्रावासों तक ले जाना होगा। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएं, ताकि अपने परिवार व परिजनों को छोड़ छात्रावासों में रह रहे बच्चों को गुस्सा नियंत्रण, अवसाद, अकेलापन, चिड़चिड़ापन जैसी समस्याओं में सहायता प्राप्त हो सके। जिससे वे अकादमिक के साथ व्यक्तिगत जीवन में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकें।मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के साथ बच्चों को दुव्र्यसनों से बचाने के लिए हॉस्टल अधीक्षकों को भी मानसिक स्वास्थ्य के प्रशिक्षण के साथ मादक द्रव्यों की सूची बनाकर दी जाएगी, ताकि ऐसे किसी पदार्थ का सेवन करने पर अधीक्षक उनसे परामर्श कर उन्हें समझाईश दे सकें। इसके लिए उन्होंने वीडियो, पोस्टर एवं प्रचार सामग्रियों को छात्रावासों में वितरित करने को कहा। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम को विस्तृत करते हुए सखी सेंटर के अधिकारियों, महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारियों और अन्य अधिकारी-कर्मचारियों को भी अवसादों से बचाव व ऐसे प्रकरणों से निपटने के लिए मानसिक स्वास्थ्य का प्रशिक्षण देने को कहा। ज्ञात हो कि समन्वयित बाल विकास कार्यक्रम के कर्मियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, छात्रावास अधीक्षकों, मितानिनों व शिक्षकों को मानसिक स्वास्थ्य का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

इस अवसर पर बालिका एकलव्य आवासीय विद्यालय गोलावण्ड की अधीक्षिका अनामिका सुरपान ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य का प्रशिक्षण मिलने पर उन्होंने बच्चों के व्यवहार पर ज्यादा ध्यान देना प्रारंभ किया था। जिसपर उन्हें 9वीं कक्षा की एक बालिका के संबंध में जानकारी मिली जो गुमसुम रहा करती थी। जानकारी लेने पर पता चला कि बालिका के पिता एवं भाई की अकस्मात मृत्यु के पश्चात् बालिका अवसाद में चली गई थी। जिससे परामर्श कर उसे मानसिक स्वास्थ्य के प्रशिक्षण अनुसार अन्य गतिविधियों में शामिल किया गया। जिससे धीरे-धीरे बालिका में परिवर्तन आया। अब वह पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी बेहतर प्रदर्शन कर रही है।इसी प्रकार कोकोड़ी की छात्रावास अधीक्षिका प्रीति गोस्वामी ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य का प्रशिक्षण पाकर व्यक्तिगत के साथ उन्हें कार्यों में भी सहायता प्राप्त हुई है। विगत दिनों 5वीं कक्षा की बालिका से चर्चा में उन्हें बालिका के व्यवहार में परिवर्तन के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई। बालिका तीसरी व चौथीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही थीं। पांचवीं कक्षा आते ही वह चुप रहने लगी जिसपर संवेदना अंतर्गत प्राप्त मानसिक स्वास्थ्य के प्रशिक्षण अनुसार उन्होंने बालिका से परामर्श कर उसकी परेशानी जानने का प्रयास किया। जिसपर उससे परिजनों द्वारा अनुकूल व्यवहार न किये जाने के संबंध में जानकारी मिलने पर उन्होंने उससे चर्चा कर उसे सांत्वना प्रदान कर अन्य गतिविधियों में शामिल किया। जिसपर अब बालिका हर क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने लगी।

इस समीक्षा बैठक में जिला पंचायत सीईओ प्रेमप्रकाश शर्मा, सहायक आयुक्त संकल्प साहू, उप संचालक समाज कल्याण ललिता लकड़ा, डीपीओ अवनि कुमार बिश्वाल, बाल संरक्षण अधिकारी नरेन्द्र सोनी, डीएमएचपी डॉ. दिव्या तिवारी, डीपीएम भावना सहित मानस फाउण्डेशन की ओर से मनोरोग विशेषज्ञ उन्नति अरोरा, रम्या कौशिक सहित विभागों के अधिकारी, शिशु संरक्षण संस्था के स्वयं सेवक व छात्रावास अधीक्षक उपस्थित रहे।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]