रायपुर। अब प्रदेश के हर जिले में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। इसका एलान खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया। मंगलवार की शाम CM ने रायपुर के कलेक्टर ऑफिस के पास महतारी की विशाल प्रतिमा का अनावरण किया था। इस कार्यक्रम में उन्होंने ये एलान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये मौका सुखद है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में महतारी की प्रतिमा का अनावरण किया गया। अब हर जिला मुख्यालय में इस तरह की प्रतिमा को लगाया जाएगा।
इससे पहले प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ महतारी की फोटो को शासकीय भवनों, कार्यालयों, कार्यक्रमों के अलावा सभी सरकारी शैक्षणिक शिक्षण संस्थानों, प्रशिक्षण संस्थानों, पंचायतों और स्थानीय निकायों में भी लगाया जाए। सभी सरकारी कार्यक्रमों के प्रारंभ में छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र पर श्रद्धा पूर्वक पूजन-वंदन और नमन किया जाए।
पहला राज्य जिसे मां के रूप में पूजा जाता है
छत्तीसगढ़ महतारी का चित्र राज्य आंदोलन के दौरान बना था। बताया जाता है कि आंदोलनकारियों ने इस चित्र को भारत माता के चित्र के आधार पर बनाया था। इसमें छत्तीसगढ़ महतारी को छत्तीसगढ़ के पारंपरिक परिधानों और आभूषणों में चित्रित किया गया है। हरे रंग की साड़ी पहने माता के बाएं हाथ में धान की बाली और हंसिया है। माता का दूसरा हाथ अभय मुद्रा में संतानों को आशीर्वाद दे रहा है। ये देश का इकलौता प्रदेश है जिसे मां के तौर पर पूजा जाता है।
राज्य आंदोलन के दौरान 90 के दशक में रायपुर और धमतरी के कुरूद में छत्तीसगढ़ महतारी का मंदिर भी बना। इसमें मां की प्रतिमा चतुर्भुजी है। बाद में कई शहरों में दो भुजाओं वाली प्रतिमाएं स्थापित की जाने लगीं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले साल बीरगांव में छत्तीसगढ़ महतारी की एक प्रतिमा का अनावरण किया था। प्रदेश की राजनीति में इसे छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान से जोड़कर देखा जाता है।
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