कोरोना के बाद छठ महापर्व मनाने का लोगों में दोगुना उत्साह व उल्लास देखने को मिला…उगते हुए सूर्य को दिया अघ्र्य

कोरबा,31 अक्टूबर । कोरबा जिले के विभिन्न छठ घाटों पर भीड़ देखने को मिल रहा,केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके…करिहा क्षमा छठी मईया..भूल-चूक गलती हमार…हमनी से बरत तोहार हमनी से बरत तोहार…सुनिहा अरज छठी मईया…ऐसे अन्य लोकगीत छठ महापर्व पर सुनने को मिले। शहर की शीतलदास की बगिया, खटलापुरा, मां सरस्वती मंदिर भेल बरखेड़ा, पांच नंबर तालाब सहित शहर की 50 से अधिक विसर्जन घाटों व कुंडों पर छठ महापर्व के लोकगीत छठ व्रतधारियों ने गाए। गन्नों को के मंडप बनाकर सूपा में पूजन सामग्री, फल, ठेकुआ समेत अन्य खाद्य सामग्री रखकर छठ मैया की पूजा-अर्चना की। डूबते हुए सूर्य को शाम 5:40 बजे अघ्र्य दिया। संतान की लंबी आयु के लिए महिलाओं ने कामना की। कोरोना के कारण दो वर्ष बाद छठ महापर्व मनाने का भोजपुरी समाज के लोगों में दोगुना उत्साह व उल्लास देखने को मिला। सोमवार को उगते हुए सूर्य को अघ्र्य देकर चार दिवसीय छठमहापर्व का समापन किया।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]