रायपुर,30 अक्टूबर। महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री अनिला भेेंड़िया शनिवार को बालोद के कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित जिला स्तरीय समीक्षा बैठक सह कार्यशाला ‘‘मोर मयारू गुरूजी‘‘ में शामिल हुई। इसका आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बाल अधिकारों के संरक्षण विषय पर किया गया था।
इस अवसर पर मंत्री भेंड़िया ने कहा कि शिक्षक बच्चों का भविष्य गढ़ने वाला कुशल कारीगर है। शिक्षक अपने मेहनत, साधना एवं अपने कार्य के प्रतिबद्धता के बदौलत बच्चों को कुशल आकार दे सकता है। माता-पिता के बाद बच्चों को शिक्षा एवं संस्कार देने का कार्य हमारे शिक्षक ही करते हैं। हमारे शिक्षकों के कंधो पर देश के भावी भविष्य की निर्माण की महती जिम्मेदारी है। अतः बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षकों को निष्ठापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करना अत्यंत आवश्यक है।
भेंडिया ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा राज्य में बाल अधिकारों के संरक्षण हेतु निरंतर उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित शिक्षकों से बालोद जिले में शिक्षा गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु पूरे लगन से कार्य करने की अपील भी की। इस अवसर पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष तेजकुंवर नेताम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कार्यों एवं उद्देश्यों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
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राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सचिव प्रतीक खरे ने बच्चों के कुशल परवरिश के साथ-साथ शिक्षित एवं संस्कारी बनाने के विभिन्न प्रविधियों के संबंध में रोचक एवं प्रेरणास्पद जानकारियॉ दी। कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार आयोग की अध्यक्ष तेज कुंवर नेताम, सदस्य पूजा खनुजा,आशा संतोष यादव, पुष्पा पाटले, अगस्टीन बर्नाड एवं सोनल कुमार गुप्ता सहित जिला पंचायत सदस्य चंद्रप्रभा सुधाकर, बाल संरक्षण आयोग के सचिव प्रतीक खरे, पीयूष सोनी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी व शिक्षकगण उपस्थित थे।
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