स्ट्रोक( stroke) की संख्या हर साल बढ़ती ही जा रही है जो कि अपने आप में ही एक चिंता का विषय है इसलिए इसकी इस गंभीर प्रकृति और बढ़ रहे मामलों को ध्यान में रखते हुए हर साल स्ट्रोक डे मनाया जाता है ताकि स्ट्रोक( stroke) को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके।
वर्ल्ड स्ट्रोक डे की थीम है ‘इसके लक्षणों के बारे में जानकारी फैलाना’ ताकि लोग इसके लक्षणों को नजरअंदाज करने की बजाए पहले ही सचेत हो जाएं और उनकी जान बच सके. इस दिन हर साल कई देशों में स्ट्रोक को लेकर कई सारे कैंपेन लगते हैं और बहुत सारी अलग–अलग एक्टिविटी की जाती हैं।
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क्या कहते हैं विशेषज्ञ ( experts)
विशेषज्ञ कहते हैं, स्ट्रोक के मुख्यरूप से दो कारण माने जाते हैं। पहला- धमनी का अवरुद्ध होना (इस्केमिक स्ट्रोक) और दूसरा किसी कारणवश रक्त वाहिका का लीक होना या फट जाना। ब्लड प्रेशर( blood pressure), हाई कोलेस्ट्रॉल और मोटापा जैसी स्थितियां भी स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा देती हैं। इस तरह के कारकों से बचाव के लिए लाइफस्टाइल और खान-पान को ठीक रखने पर विशेष ध्यान देते रहने की आवश्यकता होती है।
क्या है लक्षण ( symptoms)
- चेहरे, पैर और शरीर के एक तरफ सुन्न महसूस होना
- पैरालिसिस
- बोलने या भाषण समझने में परेशानी
- आंखें कमजोर होना, कभी-कभी धुंधला दिखना.
- मतली और उल्टी
- अस्थिर चलना; शरीर का संतुलन बनाए रखने में कठिनाई
- चक्कर आना
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